बच्चे की कुकर्म के बाद हत्या में फांसी की सजा पाने वाले का भाई है एनआईए में सिपाही, जानें क्या कहा
मथुरा में नौ साल के बच्चे की कुकर्म के बाद हत्या करने वाले सैफ को कोर्ट ने 18 दिनों के अंदर फांसी की सजा सुनाई है। सैफ मूल रूप से मऊ के ओपागंज का रहने वाला है। उसका बड़ा भाई एनआईए में सिपाही है।
मथुरा में नौ साल के बच्चे की कुकर्म के बाद हत्या करने वाले सैफ को कोर्ट ने 18 दिनों के अंदर फांसी की सजा सुनाई है। सैफ मूल रूप से मऊ के ओपागंज का रहने वाला है। उसने और उसके परिवार ने जाजमऊ में कई साल बिताए हैं। सैफ का बड़ा भाई इमरान एनआईए (नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी) में सिपाही है जो लखनऊ में तैनात है। कोर्ट का फैसला आते ही सैफ के भाई ने पीड़ित बच्चे के पिता को फोन कर कहा कि वह भाई की आगे पैरवी नहीं करेगा। उसने जो किया है उसकी सजा उसे मिलनी ही चाहिए। यह जानकारी पीड़ित बच्चे के पिता ने हिन्दुस्तान को दी।
एल 6/4 केडीए कॉलोनी जाजमऊ निवासी एक रिश्तेदार ने बताया कि सैफ का परिवार कई साल पहले मऊ से जाजमऊ क्षेत्र में आया था। परिवार में पिता मोहम्मद तसव्वर, मां तनवीर सुरैया, बड़ा भाई इमरान, दूसरा भाई कामरान जो बाउंसर है, वहीं चौथे नंबर का भाई जैद मेडिकल रिप्रेजनटेटिव है। सैफ और उसकी पत्नी भी है। परिवार क्षेत्र में किराये पर रहता था। इस दौरान उन्होंने तीन मकान बदले थे। फिर सभी इस रिश्तेदार के मकान में ही किराये पर रहने लगे थे। इमरान की पोस्टिंग लखनऊ होने के कारण 2016 में सैफ का परिवार लखनऊ चला गया था। जाने से पहले सैफ ने रिश्तेदार से एनओसी लेकर उसके ही पते पर आधार बनवा लिया था। भाई के पास कुछ साल रहने के बाद सैफ मथुरा चला गया था। बच्चे के पिता ने बताया कि तीन माह पहले ही उन्होंने किसी रिश्तेदार के कहने पर सैफ को एकाउंटेंट रखा था।
शैतान ने करा दी घटना
जाजमऊ निवासी रिश्तेदार ने जब घटना सुनी तो बोला, जब सैफ यहां रहता था तो ठीक था। उसके दिमाग पर कोई शैतान हावी हो गया होगा जिसने घटना करा दी।
भाई ने कहा कि सजा दिलाओ आप.. मैं पैरवी नहीं करूंगा
पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि सैफ के भाई इमरान ने फोन पर कहा कि सैफ ने जो किया वह माफ करने लायक नहीं। आप सजा दिलाओ मैं इस मामले में कोई पैरवी नहीं करूंगा।
दुबई में भी हरकत करके वहां से भागा था
कानपुर। पीड़ित बच्चे के पिता ने फैसला आने के बाद सैफ की पत्नी से बात की तो उसने आदेश का स्वागत किया और कहा कि जब सैफ दुबई में था तो वहां भी किसी महिला के साथ कांड करके भागा था। सैफ के पिता मोहम्मद तसव्वर भी दुबई में काम करते थे। उसके बाद वह कानपुर आ गए थे।
निर्णय सुन रो पड़े बच्चे के माता-पिता
मथुरा। आरोपी सैफ को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने के आदेश को सुन अदालत में मौजूद मृत बच्चे के माता-पिता फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि अदालत ने उनके बेटे को न्याय दिया है। पिता ने कहा कि वह अदालत के इस निर्णय का स्वागत करते हैं। अदालत के इस आदेश से अपराधी इस तरह की जघन्य वारदात को करने से पहले कई बार सोचेगा। बच्चे के पिता ने बताया कि सैफ दुबई में भी नौकरी कर चुका है। दुबई में वह किसी होटल में शैफ का काम किया करता था।
निर्णय सुन कांपा अभियुक्त
बच्चे की हत्या करने वाले को जब अदालत ने फांसी की सजा का आदेश सुनाया तो अभियुक्त के पैर कांप गए। वह अदालत के कठघरे में नीचे बैठ गया। कठघरे में मौजूद पेशी पर आए दूसरे मामलों के आरोपियों ने उसे उठाया। अदालत में मौजूद बच्चे के माता-पिता को देख अभियुक्त उनके हाथ जोड़ता रहा। बच्चे के पिता ने जब उससे बात करने का प्रयास किया तो उसने कोई जवाब नहीं दिया, वह सिर्फ उनके हाथ जोड़ता रहा।
बच्ची के हत्यारे को 22 दिन में सुनाई थी फांसी की सजा
विशेष पोक्सो कोर्ट ने इससे पूर्व 13 अक्तूबर 2022 को बच्ची की दुराचार के बाद हत्या करने वाले सौंख रोड निवासी सतीश को 22 दिन में फांसी की सजा सुनाई थी। तब विशेष पोक्सो कोर्ट के जज विपिन कुमार थे। विशेष लोक अभियोजक अलका उपमन्यु ने बताया कि तब कोतवाली पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल करने के 22 दिन में ही अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई थी।
बैरक में अभियुक्त पर रखी जा रही निगरानी
बच्चे की हत्या में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्त सैफ को जेल की उसी बैरक में रखा गया है, जिसमें वह था। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि अदालत का निर्णय आने के बाद उसकी निगरानी बढ़ा दी गई है। हवालात प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि वह उसकी गतिविधियों पर नजर रखें।
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