मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को आपदा राहत राशि सीधे पीड़ितों के बैंक खाते में देने के निर्देश दिए हैं। राजस्व विभाग इसके लिए ‘ई-कुबेर’ प्रणाली लागू होने जा रहा है। इसके बाद बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली गिरना और बादल फटने जैसे आपदा के समय वित्तीय सहायता मिलने में देरी नहीं होगी।
अपादा राहत देने के लिए मौजूदा समय मैनुअल व्यवस्था है। लेखपाल क्षति का विवरण दर्ज करता है, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, उप जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर डीएम मंजूरी देता है। इसके बाद डीडीओ द्वारा ट्रेजरी से भुगतान कराया जाता है। मुख्यमंत्री ने सिस्टम को सरल करते हुए डीबीटी प्रणाली अपनाने पर जोर दिया है। ऑनलाइन क्षति वितरण के प्रथम फेज में कृषि निवेश अनुदान दिया जाएगा। दूसरे चरण में आपदा से जनहानि, पशुहानि व मकान क्षति भी ऑनलाइन दी जाएगी। राजस्व विभाग ई-कुबेर प्रणाली को प्रयोग करने वाला राज्य में पहला विभाग होगा।
इन आपदाओं में मिलेगी मदद
बाढ़, सूखा, अग्निकाण्ड, ओलावृष्टि, कोहरा एवं शीतलहरी, बादल फटना, भूकम्प/सुनामी, चक्रवात, भू-स्खलन, कीट आक्रमण, हिमस्खलन, बेमौसम भारी वर्षा, अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, जंगली जानवरों का हमला
सुविधाओं से भरपूर-ई कुबेर
- ई-कुबेर से आधे घंटे में बिल ऑनलाइन सीधे जेनरेट किया जा सकेगा
- ई-कुबेर प्रणाली से फेल ट्रांजेक्शन को चेक किया जा सकेगा
- आपदा प्रहरी मोबाइल ऐप से जनमानस द्वारा क्षति की सूचना दर्ज करने की सुविधा
- लाभार्थी को डीबीटी से सहायता के लिए राहत प्राप्तकर्ताओं का डिजिटल डेटाबेस तैयार होगा