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सीएम योगी बोले,  व्यापारियों की समस्याओं का हाथों-हाथ निस्तारण हो

गोरखपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और व्यापारी वह भामाशाह है जो देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य करता है। नियम...

सीएम योगी बोले,  व्यापारियों की समस्याओं का हाथों-हाथ निस्तारण हो
हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुरWed, 26 Dec 2018 02:13 PM
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गोरखपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और व्यापारी वह भामाशाह है जो देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य करता है। नियम व कानून जितने ही सरल होंगे व्यापारी उतना ही व्यवस्था के साथ जुड़कर आमजन को सुविधा का लाभ दे पाएंगे। प्रदेश के 251 मंडियों में किसानों व व्यापारियों की सुविधा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं यह हमारी पहली प्राथमिकता होती है कि किसानों को कोई भी असुविधा ना हो। साथ ही व्यापारियों को व्यापार के लिए पर्याप्त जगह मिले। व्यापारियों व किसानों के लिए मंडी में पक्की सड़क, सुरक्षा, पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई, प्रकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो। मनित मंडी निरीक्षण के दौरान जगह जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ मिला जिसका निस्तारण कराया गया इसके साफ सफाई के लिए लोगों की सहभागिता बहुत ही जरूरी है। प्रधानमंत्री ने ई-मार्केट से देश की सभी मंडी को जोड़ने का काम किया है। इसके द्वारा किसान और व्यापारी घर बैठे ही देश की सभी मंडियों के उत्पादों के दाम देख सकते हैं।

जितना ही अधिक टेक्नोलॉजी का उपयोग हम करेंगे उतना ही देश के बाजारों से हम अवगत होंगे। किसान भाई इससे मुनाफा भी कमाएंगे और लाभान्वित भी होंगे। आम किसान टेक्नोलॉजी के माध्यम से शोषण से बचेंगे। किसान और व्यापारी एक-दूसरे के पूरक हैं। किसान खुशहाल होगा तो आसानी से अपनी उपज मंडी में लाएगा और व्यापारी सुरक्षित होगा तो देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में सहयोग करेगा। किसानों व व्यापारियों की सुविधा पर विशेष फोकस करने की जरूरत है। मंडी में भारतीय स्टेट बैंक की ब्रांच देख कर बहुत अच्छा लगा। व्यापारी और किसान इसका लाभ उठा सकते हैं। साथ ही मंडी में अन्य सारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। मंडी की स्थाई समिति ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें किसानों के बच्चों को पढ़ाने, स्कॉलरशिप व उनकी बेटियों की शादी, बीमारी व अन्य कार्यक्रमों के लिए सहयोग किया जाएगा। यह धनराशि मंडी समिति खर्च करेगा। 

दूरदराज क्षेत्र में लगने वाले बाजारों व हाटों में सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहां के स्थानीय किसानों को कैरेट व त्रिपाल मंडी समिति द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। मंडी समिति को सरकार द्वारा कोई बजट नहीं दिया जाता। बावजूद इसके समिति अपनी आय से 2000 किलोमीटर तक की सड़क बनाने में सक्षम रही है। सरकार व्यापारियों व किसानों के हित के लिए इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में 450 सौ करोड़ रुपए सड़क के लिए आवंटित किए हैं। किसान अपने उत्पादों को बाजार तक आसानी से ले जा सकेगे। फल व सब्जी व्यवसायियों की समस्याओं  का तत्काल समाधान किया जाए। व्यापारियों के साथ मासिक बैठक होनी चाहिए जिसमें एक नोडल अधिकारी, डीएम या एसडीएम शामिल हों। व्यापारियों की समस्याओं का हाथो हाथ निस्तारण होना चाहिए इसमें किसी भी प्रकार की चूक या लेट-लतीफी नहीं होना चाहिए। यदि कोई समिति जनता की समस्या का समाधान नहीं कर सकती, जनता के प्रति संवेदनशील नहीं है तो उस समिति का औचित्य स्वयं ही समाप्त हो जाता है।

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