डिफेंस कॉरिडोर एमएसएमई इकाइयों और स्टार्टअप के लिए लाभकारी होगा: सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को साकार करने में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह रक्षा उत्पादन के क्षेत्र...
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को साकार करने में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। यह एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है। यह रक्षा क्षेत्र से संबंध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों व स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगा।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को सीआईआई-इंडिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एंड एयरोस्पेस-2021 को वर्चुअल संबोधित करते हुए विश्वास जताया कि इस समिट से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे जो रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उपयोगी सिद्ध होंगे। यह समिट 31 जुलाई तक चलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के विकास के मॉडल को पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है। इससे देश व दुनिया में यूपी की धारणा बदली है। अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टालरेंस नीति से यूपी में कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह बताने में सफल रही कि यूपी में भारत का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस उपलब्ध है। यूपी में एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है। इसमें करीब तीन करोड़ लोग कार्यरत हैं। राज्य सरकार लगातार एमएसएमई सेक्टर को मजबूत कर रही है। रक्षा मंत्रालय केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अंतर्गत डिफेंस कॉरिडोर में प्रयोगशालाएं स्थापित करने का फैसला किया है। इससे उद्योग जगत एमएसएमई इकाइयों और स्टार्ट-अप को टेक्नोलॉजी परीक्षण, प्रोटोटाइपिंग, डिजाइन डवलपमेंट में सुविधा होगी। कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना के लिए देश की अग्रणी संस्थाओं से बातचीत चल रही है। इनमें टाटा टेक्नोलॉजी, सीमेंस दासॉल्ट सिस्टम शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास करा रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे व बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है। सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है। यह भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा।