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छुट्टा पशुओं से किसानों को मिलेगी राहत, गन्ना बकाया पर भी एक्शन की तैयारी, भाकियू नेताओं से मिले सीएम योगी

यूपी में आवारा पशुओं के परेशान किसानों को राहत के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। आवारा पशुओं के पुनर्वास और देखरेख के लिए प्रत्येक जिले में एक आईएएस अधिकारी को नोडल नियुक्त किया जाएगा।

छुट्टा पशुओं से किसानों को मिलेगी राहत, गन्ना बकाया पर भी एक्शन की तैयारी, भाकियू नेताओं से मिले सीएम योगी
Yogesh Yadavहिन्दुस्तान,लखनऊMon, 25 Sep 2023 08:13 PM
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यूपी में आवारा पशुओं के परेशान किसानों को राहत के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। आवारा पशुओं के पुनर्वास और देखरेख के लिए प्रत्येक जिले में एक आईएएस अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर वार्ता के लिए आए भारतीय किसान यूनियन (अरा.) के प्रतिनिधिमंडल को उनकी मांगों पर विचार का आश्वासन दिया। यह भी कहा कि नए सत्र में चीनी मिलों के चलने से पहले गन्ने का मूल्य बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि जिन चीनी मिलों पर किसानों का गन्ना मूल्य बकाया है, उन सभी मिलों को संचालन शुरू होने से पहले बकाये का भुगतान करना होगा। 

योगी ने भाकियू (अरा.) द्वारा राजधानी में आयोजित किसान पंचायत के दौरान संगठन के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। वार्ता के बाद संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिह वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि किसानों को बिजली बिल पर 100 प्रतिशत अनुदान दिए जाने की घोषणा पर वे कायम हैं। दो माह के भीतर कृषि का पृथक फीडर काम करने लगेगा, जिससे यह बिल वाली समस्या नहीं रह जाएगी और निजी नलकूप पर कोई बिल जनरेट नहीं होगा। किसी कृषक की मृत्यु होने की दशा में उसकी जमीन के दाखिल खारिज व वरासत के कागजात मृतक की 13वीं के दिन लेखपाल उसके घर जाकर मृतक के आश्रितों को सौंपेगा।

इससे पूर्व खेती-किसानी के कार्यों से जुड़ी अपनी जरूरतें एवं समस्याओं को लेकर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने लखनऊ में किसान पंचायत लगाई। राजधानी के ईको गार्डेन में हुई इस पंचायत में भारी संख्या में जुटे प्रदेश भर के किसानों के बीच संगठन के नेताओं ने बिजली की दरों में असमानता से लेकर पिछले कई वर्षों से गन्ना मूल्यों में बढ़ोत्तरी न किए जाने पर सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई।

इसके साथ ही चेताया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गम्भीरता से लेकर शीघ्र पूरा नहीं करेगी तो भाकियू (अरा.) आरपार की लड़ाई शुरू कर देगी। पंचायत के दौरान संगठन की ओर से 11 सूत्री मांगों से संबंधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया।
 
संगठन की ओर से प्रेषित ज्ञापन में 11 सूत्री मांगों में से प्रमुख मांगे इस प्रकार थी 
-सरकार द्वारा पेश बजट में किसानों के निजी नलकूप की बिजली पर 100 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक बिजली के बिल किसानों को भेजे जा रहे हैं, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लिहाजा तत्काल बजट की घोषणा को लागू किया जाए।
-किसानों को पूर्व की भांति निजी नलकूप के लिए सामान्य योजना में बिजली कनेक्शन दिए जाएं।
-प्रदेश में पिछले साल भी गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई जबकि इस दौरान उ‌त्पादन लागत में काफी वृद्धि हो चुकी है। लिहाजा गन्ना पेराई सत्र 2023-24 का राज्य परामर्शी मूल्य न्यूनतम 450 रुपये प्रति कुंतल किया जाए।
-प्रदेश में बकाये गन्ना मूल्य का अविलम्ब भुगतान कराया जाए। 14 दिन के भीतर भुगतान न होने पर विलम्बित भुगतान पर ब्याज दिलाया जाए, जिसका वायदा चुनावी घोषणा पत्र में किया गया था। 
-फतेहपुर में निजी या सरकारी चीनी मिल लगाई जाए तथा बिजनौर की नजीबाबाद, मुजफ्फरनगर की मोरना चीनी मिल की क्षमता वृद्धि या जीर्णोद्धार की जाए। 
-गांवों में कैंप लगाकर खसरे-खतौनी को दुरुस्तीकरण, विरासत दर्ज तथा त्रुटियों को मौके पर ही निस्तारित किया जाए। 
-अन्ना प्रथा पर रोक लगाने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाकर जंगली व आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाई जाए।

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