सीएम योगी ने स्कूल चलो और संचारी रोग नियंत्रण अभियान का किया शुभारंभ, ये है मकसद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'स्कूल चलो अभियान-2023' और 'संचारी रोग नियंत्रण अभियान' का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों से हर बच्चे को स्कूल से जोड़ने का आह्वान किया।

School Chalo abhiyan: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'स्कूल चलो अभियान-2023' और 'संचारी रोग नियंत्रण अभियान' का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों से अपने स्कूल वाले गांवों में भ्रमण करने और ड्रॉप आउट बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क कर हर बच्चे को स्कूल से जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को शत प्रति साक्षर बनाने की चुनौती लेनी होगी।
लखनऊ स्थित लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पुस्तकें भी भेंट की। इस मौके पर निपुण आकलन में पास होने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया गया। स्कूल चलो अभियान एक महीने तक चलेगा। सीएम ने कहा कि देश की आत्मा उत्तर प्रदेश मे निवास करती है। उत्तर प्रदेश हमेशा से शिक्षा और स्वास्थ्य का केंद्र रहा है। काशी और प्रयागराज हमेशा शिक्षा का केंद्र रहा। भारत के वैदिक ज्ञान को यहीं सीतापुर में लिपिबद्ध किया गया। ज्ञान-विज्ञान के भारत का उत्तर प्रदेश केंद्र रहा। उन्होंने कहा कि एक समय में उत्तर प्रदेश का नाम गुंडागर्दी, अराजकता, अव्यवस्था और बीमारी के रूप में बदल गया था। पिछले छह वर्षों में यूपी की पहचान बदली है। 2017 में प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद जुलाई में स्कूल चलो अभियान शुरू किया गया। सीएम ने कहा कि स्कूल ड्राप आउट रेट को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया था।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्कूल चलो अभियान शुरू होने के बाद एक करोड़ 92 लाख नए बच्चे स्कूल से जुड़े हैं। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में ही हमने 1,60,000 शिक्षकों को नियुक्ति दी। विद्यालय के पास अपनी ग्राम पंचायत का रिपोर्ट कार्ड होना चाहिए कि कितने लोग स्कूल में पढ़ने वाले हैं। हो सके तो बेसिक शिक्षा विभाग इसका एक पोर्टल तैयार करे।
सीएम ने कहा कि यूपी में ड्राप आउट इसलिए ज्यादा था क्योंकि स्कूल के भवन जर्जर होते थे। क्लासरूम में फर्श नहीं होती थी। स्कूल भवनों के छत पर पेड़, झाड़ी उग आती थी। स्कूलों में टॉयलेट नहीं थे। स्कूलों में यूनिफार्म सत्र खत्म हो जाने के बाद आती थी। हमने हर बच्चे के लिए दो यूनिफार्म जूते मोज़े देना शुरू किया। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से आज एक लाख 36 हजार स्कूलों को बदला जा चुका है। आज परिषदीय स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू है।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ करते हुए सीएम योगी ने शिक्षकों से भी टीबी को खत्म करने के लिए अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लिया जा रहा है। यदि एक शिक्षक एक टीबी मरीज को गोद लेगा तो यह देश के लिए एक मॉडल बनेगा। इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान का फायदा पूरे प्रदेश को मिलेगा।