लंका दहन में समय नहीं लगेगा; योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी समाज को हनुमान की ताकत याद दिलाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज में हनुमान की ताकत है। बस इनको याद दिलाने की जरूरत है फिर रावण की लंका दहन होने में समय नहीं लगेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज में हनुमान जी की ताकत बताते हुए कहा कि इनको बस एक बार याद दिलाने की जरूरत है, उसके बाद रावण की लंका दहन होने में समय नहीं लगेगा। योगी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में यह बात कही। लखनऊ में चल रही मोर्चा की बैठक को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी संबोधित किया। योगी के आने से पहले दोनों उप-मुख्यमंत्री अपने भाषण के बाद निकल गए थे। योगी ने कहा कि विपक्ष ने पिछड़ी जातियों को गुमराह किया। माफिया को संरक्षण देने वाले और पीडीए का नारा देने वाले राजू पाल, उमेश पाल, कृष्णानंद राय और उनके साथ मरने वाले रमेश पटेल और रमेश यादव की हत्या के समय कहां थे।
सीएम योगी ने कहा कि जब कोई समाज अपने स्व का बोध खोता है तो पहचान का संकट खड़ा होता है, ऐसा ही षडयंत्र इस समाज के साथ हुआ है। जो समाज अपने बल, अपनी बुद्धि और अपने पौरुष से भारत को सोने की चिड़िया बनाने और समृद्ध बनाने का जज्बा रखता था, उसको आपस में लड़ा कर पहचान का संकट पैदा कर दिया गया। वो ताकतें जानती थी कि अगर ये समाज ऐसे ही पौरुष से भरपूर रहा तो भारत का कोई बाल बांका नहीं कर पाएगा। इसीलिए उन्होंने इस समाज को आपस में लड़ा दिया। विदेशी ताकतें जो काम करती थी वही कार्य आज छद्म सेक्युलर कहलाने वाले दल कर रहे हैं। बीते लोकसभा चुनाव में आपने देखा कि कैसे आपस मे लड़ाने का प्रयास किया गया।
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योगी ने कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही है। यही कावंड़ यात्रा सपा, बसपा, कांग्रेस की सरकारों में प्रतिबंधित थी। जबकि ये केवल शिव भक्तों की यात्रा भर नहीं थी बल्कि रोजगार का माध्यम भी थी। एक बार की कांवड़ यात्रा से वो हस्तशिल्पी वर्ष भर की आय प्राप्त कर लेते थे।
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योगी ने कहा कि सपा सरकार में 86 एसडीएम की नियुक्ति हुई। 86 में से 56 सिर्फ एक ही जाति से हुई। वो लोग इस बात पर खामोश हो जाते हैं। सीएम ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में यूपी सरकार ने 6.50 लाख सरकारी भर्ती की है जिसमें 60 फीसदी ओबीसी समाज की भर्ती की। 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में इसको लागू किया। वही लोग प्रश्न खड़ा करते हैं जो 86 में 56 एक ही समाज की भर्ती करते थे।