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लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए भी बनेगा कानून, CM योगी का निर्देश, कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, नहीं कर सकेंगे गड़बड़ी

सीएम योगी ने बहुमंजिला इमारतों में लगने वाली लिफ्ट/एस्कलेटर की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। अब लिफ्ट लगवाने से पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा।

लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए भी बनेगा कानून, CM योगी का निर्देश, कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, नहीं कर सकेंगे गड़बड़ी
Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 25 Dec 2023 05:17 PM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुमंजिला इमारतों में लगने वाली लिफ्ट/एस्केलेटर की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इस संबंध ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान सीएम ने कहा कि तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग बढ़ रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र में अधिक फुटफाल वाले स्थानों पर स्थापित होने वाले लिफ्ट और एस्केलेटर के रख-रखाव ठीक ढंग से न किये जाने की शिकायतें मिल रही हैं। लिफ्ट और एस्केलेटर का प्रयोग सामान्य व्यक्तियों के साथ-साथ बुजुर्ग व्यक्तियों, बच्चों, बीमार व्यक्तियों और दिव्यांगजन करते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाती है। इस उद्देश्य से लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण, गुणवत्ता, अन्तर्निहित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रख-रखाव के लिए निर्धारित और प्रक्रियाओं का पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

सीएम ने कहा कि वर्तमान में इस बारे में प्रदेश में कोई अधिनियम नहीं लागू है। जबकि देश के अन्य प्रान्तों में लिफ्ट अधिनियम लागू है। अब इसे यूपी में भी जल्द लागू किया जाएगा। निजी परिसर हो या सार्वजनिक परिसर नये लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना करने वाली संस्थान या मालिक को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। इसके अलावा पहले से भी चल रहीं लिफ्ट और एस्केलेटर का भी रजिस्ट्रेशन होगा। साथ ही लिफ्ट और एस्केलेटर निर्माण में बीआईएस मानकों का अनुपालन किया जाएगा। इसके लिए सुसंगत बिल्डिंग कोड और अन्य आवश्यक कोड का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटो रेस्क्यू डिवाइस का लगेगी, ताकि इलेक्ट्रसिटी कट या किसी अन्य तकनीकी खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अन्दर फंसे यात्री निकटतम लैंडिंग तक पहुंचे और लिफ्ट का दरवाजा अपने आप खुल जाए। आपातकालीन घंटी, सीसीटीवी कैमरा, लाइट और लिफ्ट में टेलीफोन होना जरूरी है। यह आवश्यक है कि सार्वजनिक परिसर में स्थापित लिफ्ट और एस्कलेटर के संचालन के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना के समय यात्रियों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा की भी व्यवस्था हो। 

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