चिन्मयानंद केस : रंगदारी मांगने की योजना में छात्रा की भूमिका प्रमुख थी
चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने छात्रा की भूमिका प्रमुख बताई है। बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में एसआईटी में शामिल एसपी भारती सिंह ने बताया कि एसआईटी ने जो जांच...
चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने छात्रा की भूमिका प्रमुख बताई है। बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में एसआईटी में शामिल एसपी भारती सिंह ने बताया कि एसआईटी ने जो जांच की, उसमें संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर केवल मोहरे थे। इन तीनों युवकों ने एसआईटी को बयान दिए हैं, उसके आधार पर रंगदारी मांगने की पूरी योजना में छात्रा की भूमिका ही सबसे महत्वपूर्ण थी।
भारती सिंह ने बताया कि सबूत के तौर पर जो वीडियो एसआईटी को दिया गया, उसमें भी संजय सिंह यही कहता है कि उसने मिस ए के कहने पर ही मैसेज भेजा था। इस बात पर सचिन सेंगर दोनों को फटकारता हुआ भी वीडियो में कैप्चर हुआ था। फोरेंसिक जांच में यह वीडियो सही पाया गया।
इस वीडियो को उस गाड़ी के ड्राइवर अनूप ने अपने मोबाइल फोन कैमरा से बनाया था। इस वीडियो को अनूप ने बड़े सबूत के तौर पर चिन्मयानंद को दिया। बाद में उसी वीडियो के कारण बुधवार को छात्रा, संजय, विक्रम, सचिन जेल में हैं।
गैंग के रूप में काम कर रहे थे सब
इससे पहले एसआईटी चीफ आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया था कि 17 अगस्त के बाद से मिस-ए यानी छात्रा, संजय सिंह, विक्रम सिंह, सचिन सेंगर की मौजूदगी लगभग एक साथ थी। इसका सर्विलांस के जरिए, सीसीटीवी फुटेज, टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज, होटलों में रुकने आदि से ही पता लगता है।
रंगदारी मांगने से पहले ही छात्रा और उसके साथियों को शाहजहांपुर से चले जाना, 22 अगस्त को मैसेज भेजने के बाद पुलिस के सक्रिय होने पर 24 अगस्त को फेसबुक पर वीडियो वायरल करना, यह सब सिलसिलेवार जांचा परखा गया। इसके बाद बयान लिए गए। वीडियो की फोरेंसिक जांच कराई गई। बहुत कुछ ऐसे साक्ष्य मिले जो यह साबित करते थे कि चिन्मयानंद से छात्रा और उसके साथियों ने रुपया मांगा।