ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश‘पापा घर में रहो, बाहर कोरोना है, सब मिल साथ रहेंगे, किसी को नहीं खोना है’ 

‘पापा घर में रहो, बाहर कोरोना है, सब मिल साथ रहेंगे, किसी को नहीं खोना है’ 

सुरक्षित जिंदगी के लिए पीएम से लेकर डीएम तक लोगों को लॉक डाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैं, बावजूद तफरी करने वालों की संख्या सड़कों पर दिख रही है। लोग बहाने के साथ घरों से निकलने को आतुर है। ऐसे...

‘पापा घर में रहो, बाहर कोरोना है, सब मिल साथ रहेंगे, किसी को नहीं खोना है’ 
अजय श्रीवास्‍तव ,गोरखपुर Sat, 04 Apr 2020 10:11 PM
ऐप पर पढ़ें

सुरक्षित जिंदगी के लिए पीएम से लेकर डीएम तक लोगों को लॉक डाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैं, बावजूद तफरी करने वालों की संख्या सड़कों पर दिख रही है। लोग बहाने के साथ घरों से निकलने को आतुर है। ऐसे में बिछिया कैंप के जागरूक बच्चों की स्वरचित कविताओं के माध्यम से की गई अपील संदेश देती है। बच्चे घरों के बाहर पोस्टर चस्पा कर रहे हैं। जिनपर ‘पापा घर में रहो, बाहर कोरोना है, सब मिल साथ रहेंगे, किसी को नहीं खोना है’ जैसे प्रेरक स्लोगन और कविताएं लिखीं हैं।

बिछिया मोहल्ले में दो दर्जन से अधिक घरों के बाहर चस्पा स्वरचित कविताएं हर किसी को आकर्षित कर रही है। बच्चों की अपील पर बड़े पालन कर रहे हैं। सेवानिवृत अधिकारी विश्वनाथ गुप्ता कहते हैं कि ‘बच्चों की सीख हम बुजुर्गों को भी प्रेरणा दे रही है।’ छात्रा प्रगति बताती हैं कि ‘अधिकांश समय सोशल मीडिया पर गुजर रहा है। जिसपर घरों से बाहर निकल रहे लोगों की पिटाई के साथ मनमानी भी दिख रही है। ऐसे में मोहल्ले के मित्रों के साथ हमने व्रत लिया कि समाज को भले ही हम न रोक सकें, खुद रूकेंगे, पापा और भईयां को भी रोकेंगे।’

दर्जन भर मित्रों ने स्लोगल और कविताएं लिखने का प्रण लिया। 24 घंटे के अंदर किसी ने स्लोगन लिखा तो किसी ने कविता। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे मुनीश श्रीवास्तव बताते हैं कि हाथ से लिखी हुई कविताएं ठीक से पढ़ी नहीं जा रही थीं, जिसके बाद कविताएं टाइप कर प्रिंट निकाल लिया। अब 25 से अधिक कविताएं और स्लोगन घरों, गेट और बिजली के खंभों पर चस्पा कर दिया है। छात्रा श्वेता सिंह बताती हैं कि पापा-मम्मी तो पढ़ ही रहे हैं, जो बाहर से आ रहे हैं, वह एक बार देखने के बाद दोबारा आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अनुभव, आर्य और वैभव सवाल करते हैं कि ‘ऑनलाइन आर्डर पर राशन और दरवाजे पर सब्जी उपलब्ध है तो लॉक डाउन का अनुपालन करने में दिक्कत ही क्या है।’

हंसते हुए कोरोना को हराएंगे
स्नातक की पढ़ाई कर रहे सत्यम राय ने घर के बाहर पोस्टर पर लिखा है कि ‘कृपया डरें ना और घबराएं ना, साथ मिलकर हंसते हुए इसे मिलकर हराना है’। सत्यम बताते हैं कि पिता युगल किशोर राय जौनपुर पुलिस में हैं। रोज पापा से बात होती है। जिसे घर से बाहर रहने की मजबूरी नहीं है, वह तो घर में रह सकता है। मोहल्ले के वरूण केरल की एक साफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर है। वह प्रशासन को जानकारी देकर सेल्फ क्वारंटीन हैं।

बिछिया मोहल्ले के बच्चों ने घरों के बाहर अपील चस्पा की
20 अलग-अलग स्वरचित कविताओं को दरवाजे पर चस्पा किया
मोहल्ले के दो दर्जन परिवार लॉक डॉउन का शिद्दत से कर रहे पालन
केरल के युवक ने खुद हेल्थ टीम को जानकारी से कवरन्टीन हुआ

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें