थप्पड़ कांड से चर्चित बच्चे को तीन महीने बाद स्कूल में दाखिला, SC की फटकार के बाद जागे अफसर
मुजफ्फरनगर के स्कूल में टीचर के द्वारा बच्चों से एक बच्चे को थप्पड़ मरवाने का मामला सुर्खियां बना था। तभी से बच्चा स्कूल नहीं जा रहा था। अब सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर बच्चे का दाखिला स्कूल में हुआ है।

छात्र पिटाई प्रकरण के चलते करीब तीन माह से घर बैठा छात्र सोमवार को पहली बार 22 किलोमीटर दूर मुजफ्फरनगर में शारदेन स्कूल में पढ़ने पहुंचा। बेसिक शिक्षा विभाग ने राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत बच्चे का प्रवेश तो करा दिया, लेकिन ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं मिलने के कारण पिता इरशाद ही बाइक पर गांव से बेटे को स्कूल लाया और ले जाया करेगा। पिता इरशाद का कहना है कि अधिकारियों ने शीघ्र ही इस समस्या के भी समाधान का आश्वासन दिया है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शनिवार को लखनऊ से आए संयुक्त शिक्षा निदेशक राजेंद्र सिंह एवं परियोजना विशेषज्ञ गुरविंद्र सिंह ने शारदेन स्कूल में बच्चे का दाखिला कक्षा दो में करा दिया था। विभिन्न तकनीकी पेंच फंसे होने के कारण बीएसए निर्णय नहीं ले पा रहे थे।
शनिवार को बच्चे का दाखिला कक्षा दो में कराने के साथ ही उसे यूनीफार्म एवं कोर्स आदि भी खरीदवाकर दिया, लेकिन गांव से स्कूल लाने ले जाने के लिए विभाग की ओर से ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं दी गई है। बीएसए ने इस समस्या के भी समाधान का आश्वासन दिया है। तब तक के लिए पिता इरशाद को ही बच्चे के स्कूल लाने ले जाने के कहा है। इसी आश्वासन पर इरशाद सोमवार को बच्चे को बाइक पर लेकर सुबह साढ़े सात बजे स्कूल पहुंच गया। इरशाद ने बताया कि गांव से स्कूल की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है।
पहला दिन होने के कारण वह सुबह बाइक पर बच्चे को लेकर गांव से स्कूल के लिए निकला था। यहां स्कूल के शिक्षकों से बात की। इरशाद ने बताया कि स्कूल का समय सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक का है।
साढ़े सात बजे वह बच्चे को स्कूल छोड़कर फिर गांव निकल गया। एक बजे स्कूल की छुट्टी के समय स्कूल पहुंच गया और बच्चे को घर लाया। इरशाद ने बताया कि बच्चा पहले दिन स्कूल गया है। बच्चा अब खुश है और घर पर स्कूल का काम भी कर रहा है।
11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तारीख दी है। जिसमें विभाग बच्चे के दाखिले आदि को लेकर सुप्रीम कोर्ट को अवगत करायेगा। इरशाद ने भी बताया कि वह भी सुनवाई के दौरान वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखेगा।
