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आवंटियों के साथ धोखा यूपीसीडा को पड़ा महंगा, अब प्लॉट संग आवंटियों को देंगे 11.68 करोड़ का ब्याज

गंगा बैराज के पास स्थित परियोजना में दिसंबर 2016 में ही आवंटियों को कब्जे दिए जाने का दावा तो किया गया मगर हकीकत यह है कि कई सेक्टरों में विकास तक नहीं हुआ। इसी का खामियाजा यूपीसीडा को भुगतना पड़ेगा।

आवंटियों के साथ धोखा यूपीसीडा को पड़ा महंगा, अब प्लॉट संग आवंटियों को देंगे 11.68 करोड़ का ब्याज
Srishti Kunjसंजय पाण्डेय,कानपुरSun, 27 Nov 2022 08:31 AM

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कानपुर में ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी के आवंटियों के साथ धोखा करना उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को महंगा पड़ा है। गंगा बैराज के पास स्थित परियोजना में दिसंबर 2016 में ही आवंटियों को कब्जे दिए जाने का दावा तो किया गया मगर हकीकत यह है कि कई सेक्टरों में विकास तक नहीं हुआ। इसी का खामियाजा यूपीसीडा को 11.68 करोड़ के ब्याज के रूप में भुगतना पड़ा है। रेरा की शरण में गए लगभग 150 आवंटियों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें मार्च 2017 से अब तक का जमा मूलधन पर ब्याज भी मिलेगा और साथ में प्लाट भी। यूपीसीडा को दोहरा नुकसान सहना होगा। 

खुद यूपीसीडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी ट्रांसगंगा मयंक मंगल ने आरटीआई के जरिए जवाब दिया है कि फीस और ब्याज के रूप में रेरा में 116847328.80 रुपये जमा करा दिए गए हैं। ट्रांसगंगा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट दीपक द्विवेदी ने आरटीआई के जरिए सूचना मांगी थी। इसका जवाब यूपीसीडा ने दिया है। दूसरा सवाल यह था कि अब तक कितने परिवर्तित भूखंडों (कब्जा न मिलने पर बदले में दिए गए भूखंड) पर कब्जे दे दिए गए हैं। जवाब में यूपीसीडा ने बताया कि 77 आवंटियों में से 10 आवंटियों ने कब्जे प्राप्त किए हैं। जाहिर है कि परिवर्तित किए गए भूखंडों से भी आवंटी खुश नहीं हैं। आवंटन कहीं और किया गया और दिया कहीं और जा रहा क्योंकि कई जगह सड़कें तक नहीं बनीं। 

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अभी 280 और आवंटी कतार में
अभी 280 आवंटी और हैं जो रेरा से राहत मिलने के लिए कतार में लगे हैं। अगर ऐसा हुआ तो यूपीसीडा 25 करोड़ रुपये से ज्यादा सिर्फ ब्याज के रूप में चुकाने होंगे और प्लाट पर कब्जा भी अलग से देना पड़ सकता है। सितंबर में ही यूपी रेरा ने 44 आवंटियों को बड़ी राहत दी थी। यूपीसीडा द्वारा दाखिल की गई 44 अपीलें खारिज कर दिया था और इन आवंटियों को समय से भूखंड पर कब्जा न देने के एवज में 5.40 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में देने का आदेश दिया था। 

अध्यक्ष ट्रांसगंगा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, दीपक द्विवेदी एडवोकेट ने कहा कि रेरा ने आदेश दिया है कि आवंटियों की पूरी जमा धनराशि पर भूखंड पर कब्जा दिए जाने की वास्तविक तिथि तक (एमसीएलआर और 1 प्रतिशत) लगभग 9 प्रतिशत साधारण ब्याज दिया जाए। यूपीसीडा ने रकम जमा कराने की जानकारी आरटीआई के जरिए दी है।

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