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UP Elections 2022: यह मंडल और कमंडल की लड़ाई, सीएम योगी के खिलाफ चुनाव पर बोले चंद्रशेखर

भीम आर्मी के मुखिया और आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर जाद ने गुरुवार को मेरठ में ऐलान किया कि वो सीएम योगी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे। चंद्रशेखर यूपी के मुख्यमंत्री को उनके ही गढ़...

UP Elections 2022: यह मंडल और कमंडल की लड़ाई, सीएम योगी के खिलाफ चुनाव पर बोले चंद्रशेखर
लाइव हिन्दुस्तान,मेरठFri, 21 Jan 2022 08:07 AM

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भीम आर्मी के मुखिया और आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर जाद ने गुरुवार को मेरठ में ऐलान किया कि वो सीएम योगी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे। चंद्रशेखर यूपी के मुख्यमंत्री को उनके ही गढ़ गोरखपुर में चुनौती देने के लिए तैयार हैं। बीजेपी ने गोरखपुर सदर विधानसभा सीट से योगी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में आजाद ने कहा, 'यूपी में बीजेपी का सबसे ताकतवर उम्मीदवार कौन है और यहां कौन कमंडल का प्रतिनिधित्व करता है? वे योगी आदित्यनाथ हैं। यूपी में मंडल बनाम कमंडल की लड़ाई वापस आ गई है, और मैंने कमंडल को हराने की कसम खाई है।'

यह बात चंद्रशेखर ने ऐसे समय पर कही है जब एक दिन पहले ही उनकी पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान किया था। आजाद ने पहले चरण में 12 दलित संगठनों के साथ सामाजिक समावेश गठबंधन नामक गठबंधन की भी घोषणा की। इन संगठनों ने बहुजन समाज के साथ किया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में 33 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। 

चंद्रशेखर ने कहा, 'इस गठबंधन में भारतीय वीर दल, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और सर्वजन लोक समाज जैसी पार्टियां शामिल हैं। वे वाल्मीकि, पाल, कश्यप, पंचाल और कई अन्य समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम यूपी चुनाव के पहले चरण के दौरान एक संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन करेंगे। जब तक हम 403 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करते हैं, तब तक हमारे गठबंधन के सदस्य 100 छोटी पार्टियों को पार कर लेंगे।'

भीम आर्मी चीफ ने कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ नियमित बातचीत करने के बावजूद गठबंधन नहीं हो सका। उन्होंने कहा, 'बात सीटों की नहीं थी। हमने गठबंधन में भागीदारी मांगी थी, जो यूपी के मतदाताओं में हमारे (दलित) प्रतिनिधित्व के प्रतिशत के हिसाब से करीब 25 फीसदी होनी चाहिए। लेकिन हमें उस अधिकार से वंचित कर दिया गया। मैंने विपक्ष को एकजुट करने की बहुत कोशिश की लेकिन इन 'ट्विटर नेताओं' ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसलिए हमने चुनाव मैदान में अकेले जाने का फैसला किया।'

आजाद ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पहले ही उनसे दूरी बना ली है। उन्होंने अपनी पार्टी के समय से पहले अकेले चुनाव लड़ने को लेकर जारी संदेह पर कहा, 'मैं समझता हूं कि रास्ता कठिन है लेकिन असंभव नहीं है। मैंने पांच साल तक भाजपा और उसकी दमनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैं दो साल से अधिक समय तक जेल में रहा हूं। मेरी लड़ाई वोट बटोरने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि दलितों के साथ अमानवीयकरण व्यवहार न हो।'

उन्होंने आगे कहा, 'मैंने केले का नहीं बल्कि आम का पेड़ लगाया है। इसे जड़ें जमाने में समय लगता है। यह हमारा पहला अनुभव है। कांशीराम जी कहते थे कि पहला चुनाव हारने के लिए, दूसरा हराने के लिए और तीसरा जीतने के लिए होता है। हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है।'

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