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MMMUT के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्रों को दिए गोल्ड मेडल, कहा- युवाओं के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने अपने पहले ही प्रयास में नैक का ए ग्रेड प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है।। इस सफलता को पाने वाला MMMUT राज्य का पहला विश्वविद्यालय है।

MMMUT के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्रों को दिए गोल्ड मेडल, कहा- युवाओं के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
Pawan Kumar Sharmaहिन्दुस्तान,गोरखपुरMon, 26 Sep 2022 06:05 PM
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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने अपने पहले ही प्रयास में नैक का ए ग्रेड प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है।। इस सफलता को पाने वाला MMMUT राज्य का पहला विश्वविद्यालय है। इस मौके पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नैक प्रमाणपत्र हासिल करने में एमएमएमयूटी सूबे के तकनीकी विश्वविद्यालयों में भी अव्वल है। हालांकि विश्वविद्यालय को यहां पर विराम नहीं लेना है। यह सिर्फ सफलता की पहली सीढ़ी है। विश्वविद्यालय को वर्ल्ड रैंकिंग में शामिल होने का प्रयास करना है। इसके लिए बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा और नवाचार को प्रोत्साहित करना पड़ेगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि 25 साल बाद देश आजादी का 100वां साल मनाएगा। आज के छात्र उस समय देश की कमान संभाल रहे होंगे। ऐसे में इस दौर के छात्रों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। आने वाले कल के ये छात्र भावी कर्णधार हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति में गुरु और माता-पिता का स्थान सर्वोच्च है। अच्छी शिक्षा पाने वाले छात्रों को माता-पिता की सेवा में कमी नहीं करनी चाहिए। इस देश में वृद्धाश्रम नहीं होना चाहिए। यह हमारी शिक्षा पद्धति नहीं है। यह समाज का कुरूप चेहरा दिखाता है।

छात्र नेताओं की हरकतों से नाराज कुलाधिपति 

आगरा विश्वविद्यालय में हुई घटना का असर कुलाधिपति के भाषण में भी दिखा। उन्होंने छात्र नेताओं से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि छात्र नेता विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने के बजाय बर्बाद करने पर तूले हैं। ज्यादातर छात्र नेताओं का शिक्षा से कोई वास्ता नहीं रह गया है। वह चंद युवाओं की नुमाइंदगी कर अपना उल्लू सीधा करते हैं। इसे नियंत्रित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय में हुई घटना में शामिल छात्र नेताओं खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

हर क्षेत्र में आगे हैं महिला कर्मचारी

दीक्षांत में बतौर मुख्य अतिथि एमजी मोटर्स के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक राजीव चाबा मौजूद रहे। वह एमएमएमयूटी के 1984 बैच के मैकेनिकल इंजीनियर रह चुके हैं। उन्होंने कहा, "समय बदल रहा है, महिलाएं औद्योगिक विकास की श्रेष्ठ सहयोगी बन चुकी है। कोई भी कंपनी तब तक प्रगति नहीं कर सकती जब तक उसमें महिलाओं की भागीदारी न हो। इसलिए हमने अपनी कंपनी में 30 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी दी। अब महिलाओं की संख्या बढ़कर 37 फीसदी हो गई है। इसे 50 फीसदी करने का लक्ष्य है।"

राजीव चाबा ने छात्रों से कहा कि उन्हें लड़कियों के साथ कैसे काम करना है ये सीखना चाहिए। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए पांच मंत्र हैं। इसमें भरोसेमंद, बहुआयामी, उपयोगी, मेहनती और सतत प्रयत्नशील शामिल है। विद्यार्थी इन पांच मंत्रों को जीवन में उतार लेगा उसकी सफलता निश्चित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात के हल्लौर में कंपनी की शाखा है। जब नरेंद्र मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे तब उनके साथ काम किया। उनके साथ मैं कोरिया जापान भी गया। 

आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को मिलेगी फेलोशिप 

एमजी मोटर के अध्यक्ष ने अपने भाषण में कि ऐसी छात्राएं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और आगे पढ़ना चाहती हैं उनकी मदद किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने दो लाख रुपये प्रति वर्ष फेलोशिप दी जाएगी। उन्होंने साफ किया यह फेलोशिप कंपनी की ओर से नहीं बल्कि उनकी ओर से है। 

प्रतिस्पर्धा की आंधी में सबसे मजबूत हथियार है डेटा

समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि दुनिया में चौथी क्रांति चल रही है। पहली रेल इंजन, दूसरा बल्ब और तीसरी क्रांति रेडियो का अविष्कार रहा। अब विश्व में डेटा साइंस के रूप में चौथी क्रांति चल रही है। हमें डेटा का अधिक से अधिक उपयोग कर नए-नए अविष्कार करना चाहिए।

विश्वविद्यालय में भी ड्रोन तकनीक व आर्टिफिशियल टेक्नोलाजी पर कार्य किया जा रहा है। प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज वह समय है जब 18 सौ पार्ट वाले इंजन को चार में बदल दिया गया है। हमें छात्रों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है, ताकि वह यहां से बाहर जाकर बेहतर कार्य करें। छात्रों को प्रायोगिक शिक्षा दें। मैं चाहूंगा कि विश्वविद्यालय यहां के छात्रों को माह में एक बार किताबी शिक्षा न देकर उन्हें किसी इंडस्ट्री में ले जाएं। वहां जाकर जब ये वहां की समस्याएं देखेंगे तो उसे दूर करने की दिशा में कार्य करेंगे। 

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