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ऑटो इंडस्ट्री का हब बनेगा मध्य और पश्चिमी यूपी, हर साल 1.10 लाख नए रोजगार

पश्चिमी और मध्य यूपी को ऑटो और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री का हब बनेगा। सीएम ने कहा कि मध्य और पश्चिमी में बने टू और थ्री ईवी व्हीकल और ईवी पाटर्स को यूके, यूएसए, आस्ट्रेलिया में सप्लाई किया जाएगा।

ऑटो इंडस्ट्री का हब बनेगा मध्य और पश्चिमी यूपी, हर साल 1.10 लाख नए रोजगार
Deep Pandeyहिन्दुस्तान,लखनऊSun, 27 Nov 2022 07:36 AM

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए पश्चिमी और मध्य यूपी को ऑटो और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री का हब बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 9 से 10 हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इस पर 19 से 20 बिलियन डॉलर खर्च होंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पश्चिमी और मध्य यूपी में ऑटो और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को और विकसित करने की जरूरत है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यहां पर आसानी से ईस्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को विकसित करने के साथ एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा सकता है। सीएम ने कहा कि मध्य और पश्चिमी में बने टू और थ्री ईवी व्हीकल और ईवी पाटर्स को यूके, यूएसए, आस्ट्रेलिया, साउथ एशिया में सप्लाई किया जाएगा। 

आटो इंडस्ट्री 
योगी सरकार ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, हापुड़, कानपुर नगर और मेरठ को वृहद उद्योग के निर्माण के लिए चुना है। जबकि एमएसएमई इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए आगरा, शाहजहांपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, सहारनपुर और इटावा को चुना गया है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए पश्चिमी यूपी को ओरिजनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा।  मध्य उत्तर प्रदेश ऑटो इंडस्ट्री के लिए सबसे जरूरी मेटल इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा। 
हर साल 1.10  लाख नए रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी यूपी में ऑटो जोन और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को विकसित करने के लिए इससे जुड़े सहायक और डाउनस्ट्रीम उद्योग पर फोकस करना होगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल ओरिजनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर के सहायक उद्योग रबड़ प्रसंस्करण, प्लास्टिक, धातु, मशीनरी, कांच उद्योग को ग्रीन जोन के रूप में विकसित करना होगा। साथ ही प्रदेश में ईवी चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ाना होगा। 
 सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में इस सेक्टर में 60 से 70 हजार लोगों को रोजगार मिला था, वहीं इसकी ग्रोथ से अगले पांच वर्षों में 90 हजार से 1.10 लाख प्रति वर्ष रोजगार उपलब्ध होंगे।

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