हाथरस केस में CBI ने फाइल की चार्जशीट, पीड़िता के भाई का होगा साइकोलॉजिकल असेस्मेंट
उत्तर प्रदेश में हाथरस के कथित गैंगरेप और हत्या मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चारों आरोपियों पर गैंगरेप, हत्या, छेड़छाड़ और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में...
उत्तर प्रदेश में हाथरस के कथित गैंगरेप और हत्या मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चारों आरोपियों पर गैंगरेप, हत्या, छेड़छाड़ और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि सीबीआई पीड़िता के भाई को साइकोलॉजिकल असेस्मेंट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। दरअसल, साइकोलॉजिकल असेस्मेंट में किसी शिकायतकर्ता या अभियुक्त से मामले से सम्बन्धित सीधे और अप्रत्यक्ष सवाल किए जाते हैं। इस दौरान उसकी प्रतिक्रियाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर शिकायतकर्ता या अभियुक्त के मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्षणों और उद्देश्यों को मापा जाता है।
हाथरस कांड में पीड़िता के भाई ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर चिंता जाहिर की थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख देते हुए उस दिन सीबीआई से इस मामले में अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
उधर, डीएम और तत्कालीन एसपी ने इस मामले में अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा था कि पीड़िता का अंतिम संस्कार तात्कालिक परिस्थितियों के मद्देनजर किया गया था। उन्होंने दाह संस्कार में केरोसिन तेल के इस्तेमाल के आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता के परिवार को सुरक्षा दी गई है।
Hathras: CBI files chargesheet in #Hathrascase at a special SC/ST court. CBI will take brother of Hathras case victim to Gujarat for a psychological assessment.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 18, 2020
"CBI filed chargesheet against all 4 accused under various sections," says Munna Singh Pundir, lawyer of accused pic.twitter.com/mVOmJ4KeAu
क्या है हाथरस केस
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप हुआ था। 29 सितंबर को पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई थी। इस केस ने पूरे देश को हिला दिया था। इस मामले में सियासत तेज हुई। योगी सरकार को निशाने पर लिया गया।
मामला तब और तूल पकड़ा जब जिला प्रशासन और पुलिस ने जबरन पीड़िता का शव जला दिया और गांव में मीडिया, नेताओ और अन्य लोगों की एंट्री बैन कर दी। इसके बाद इस घटना को साजिश करार दिया गया। घटना की जांच के लिए एसआईट गठित की गई। इसके बाद सीबीआई और ईडी की एंट्री हुई। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है।
वहीं सीबीआई और ईडी जांच चल रही है। बाजरा के खेत में 14 सितंबर की सुबह आखिर क्या हुआ था इसकी सच्चाई पता लगाने में सीबीआई लगातार जुटी है। पूछताछ जारी है। कई चीजों को जब्त कर उनके बारे में भी पूरी तहकीकात की जा रही है।