CAA Protest : लखनऊ में छठे दिन मंत्रों और कुरान की आयतों के बीच महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या रोजाना बढ़ रही है। बुधवार को प्रदर्शन में हिन्दु-मुस्लिम सौहार्द का अनूठा रंग देखने को मिला। प्रदर्शन में एक तरफ हवन के...
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या रोजाना बढ़ रही है। बुधवार को प्रदर्शन में हिन्दु-मुस्लिम सौहार्द का अनूठा रंग देखने को मिला। प्रदर्शन में एक तरफ हवन के दौरान श्लोक गूंज रहे थे तो वहीं रोजेदार महिलाओं की नमाज में कुरान आयतें आपसी भाईचारे और एकता का संदेश दे रही थी। ठंड और गलन के बीच महिलाओं का प्रदर्शन छठे दिन भी जारी रहा। वहीं, उजरियांव स्थित दरगाह के बाहर प्रदर्शन में भी महिलाओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।
सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलसितां हमारा... बुधवार देर रात घने कोहरे के बीच कौमी तराने की आवाज बता रही थी कि महिलाओं का हौंसला ठंड में कम होने वाला नहीं है। वहीं, सुबह का आगाज भी राष्ट्रगान के साथ हुआ। धूप निकलने के साथ घंटाघर पर महिलाओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा था। कुछ महिलाएं करीब 6 फीट उंची सविधान की किताब लेकर प्रदर्शन में पहुंची थी। इसके अलावा सीएए व एनआरसी के खिलाफ स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर महिलाएं एक कतार में बैठी थी। वहीं, देर शाम वकीलों का जत्था महिलाओं के समर्थन में घंटाघर पहुंचा।
413 महिलाओं ने रखा रोजा
घंटाघर पर प्रदर्शन में आई जेबा ने बताया कि उन्होंने देश में शांति व अमन के लिए रोजा रखा है। उनके साथ बुजुर्ग अतीमन भी सीएए व एनआरसी को लेकर धरने पर थी। उन्होंने बताया कि करीब 413 महिलाओं ने रोजा रखा है। जो यहीं पर नमाज अदा करेंगी और रात में इफ्तार करेंगी। इसके प्रदर्शन में शामिल महिला हिन्दु प्रदर्शनकारियों ने सरकार की सद्बुधि के लिए हवन किया। महिलाओं ने बताया कि देश में भाईचारे को बढ़ाने के लिए उन्होंने व्रत भी रखा है।
सुप्रीम कोर्ट पर हमें पूरा भरोसा
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद घंटाघर पर सीएए के विरोध में धरने में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर ने कहा कि उनको देश की सबसे बड़ी अदालत पर पूरा भरोसा है। ये न्यायिक प्रक्रिया है, दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ही कोर्ट किसी नतीजे पर पहुंचता है। फरहा ने कहा कि कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह का समय दिया। ये एक अदालती प्रक्रिया है।
महिलाओं से बातचीत
- देश भर की औरतें अपने हक के लिए लड़ रही है। प्रधानमंत्री ने तीन तलाक पर मुस्लिम बेटियों के साथ होने की बात कहीं थी। अब जब औरतें अपने हक के लिए लड़ रही हैं तो वह साथ क्यों नहीं दे रहे है। -शबाना
- सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश है कि सभी धर्म देश की अवाम है। संविधान के साथ सरकार खिलवाड़ की जा रही है। हम महिलाएं विरोधी नहीं बल्कि सरकार संविधान की विरोधी है। -बबीता
- हिन्दुस्तान सभी धर्मों से मिल कर बना है। तभी तो यह महान है। इसको टुकड़ों में बांट कर देश की महानता को खत्म करने की साजिश की जा रही है। इसे हमें रोकना होगा -चंद्रा वर्मा
- कोर्ट ने जो सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है। ये कोर्ट की प्रक्रिया है। इसमें ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। -शाहीन
- हमे अदालत पर भरोसा रखना चाहिए। कोर्ट ने 4 सप्ताह का समय दिया। देश के लोगो की भावनाओ को अदालत जरूर ध्यान में रखेगी। सुप्रीम कोर्ट से बड़ी उम्मीदें है। वह जरूर हम लोगों की सुनेगा। -मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।