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मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अस्पताल पर फिर चला बुल्डोजर

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अवैध घोषित शम्मे हुसैनी हास्पिटल व ट्रामा सेंटर पर दूसरे दिन रविवार को भी बिल्डिंग ढहाई गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सुबह 11...

मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अस्पताल पर फिर चला बुल्डोजर
वरिष्ठ संवाददाता,गाजीपुरSun, 25 Oct 2020 05:03 PM
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बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अवैध घोषित शम्मे हुसैनी हास्पिटल व ट्रामा सेंटर पर दूसरे दिन रविवार को भी बिल्डिंग ढहाई गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सुबह 11 बजे से कर्मचारियों ने शेष बचे भवन को गिराना शुरू किया।बिल्डिंग की मजबूत दीवारों और पिलर में तोड़ने में 3 जेसीबी फेल हो गई जिसके बाद चार पाेकलैन मशीनें मंगवाकर पिलर गिरवाए गए।

रविवार को प्रशासन ने गंगा किनारे और अस्पताल के पिछले हिस्से में बनाया गया नर्सिंग कॉलेज का गर्ल्स हॉस्टल, स्टाफ क्वार्टर, कैंटीन, वगैरह की बिल्डिंग ढहाई। दो दिन की कार्रवाई में अस्पताल का अनाधिकृत बल्डिंग ढहा दिया गया।  इससे पहले 191-आईएस गैंग के मुखिया मुख्तार के करीबी और मददगार आजम सिद्दीकी और डाक्टर शादाब सिद्दीकी समेत परिवार के 17 शस्त्र लाइसेंस निलंबित हो चुके हैं। 

सदर कोतवाली क्षेत्र के हमीद सेतु गंगा किनारे बने शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल ढहाने की कार्रवाई रविवार को भी जारी रही। ढहाने का कार्य सुबह करीब 11 बजे के आसपास शुरू हुआ और कैंपस के उत्तरी छोर (गंगा किनारे) इमारत को ध्वस्त करने के लिए एक पोकलेन और तीन जेसीबी के साथ ही काफी संख्या में मजदूर लगाए गए।

हालांकि इस दौरान जेसीबी पिलर नहीं गिराने में असफल रही तो तीन और पोकलैन मंगवाकर गर्ल्स हास्टल  गिराया गया।दो दिन चली कार्रवाई में अस्पताल पूरी तरह से जमीदोंज हो गया। हालांकि ध्वस्तीकरण के दौरान गाजीपुर-ताड़ीघाट हाइवे मार्ग पर लोगों की भीड़ लगी रही और पुलसकर्मी जाम खुलवाते रहे। एडीएम राजेश कुमार सिंह और एएसपी सिटी गोपीनाथ सोनी के निर्देशन में अस्पताल से जुड़ी हर दीवार और निर्माण को गिराया गया। पुलिस ने बाहर से बैरिकडिंग कर ध्वस्तीकरण की ओर किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी और कई सीओ और थानेदारों को डयूटी पर लगाया गया। 

बताते चलें कि एनजीटी ने अपने नियमों में गंगा तट के 200 मीटर के दायरे में किसी भी पक्के निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। एसडीएम कोजांच में सामने आया कि  अस्पताल परिधि के अंदर और गंगा की जमीन को कब्जा कर बनाया गया था।  अस्पताल पर जांच के बाद आठ अक्तूबर को एसडीएम सदर ने नोटिस चस्पाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया था। एसडीएम सदर के उस आदेश को हॉस्पिटल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई के बाद 14 अक्टूबर को अपने फैसले में कहा कि इस मामले में याची उचित न्यायिक तरीके से चले और जिलाधिकारी को बोर्ड बनाकर मामले के निस्तारण का डायरेक्शन दिया। स्पष्ट किया कि एसडीएम के आदेश पर आपत्ति को डीएम के स्तर से दस दिन में निस्तारित किया जाए। इसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने डीएम की कोर्ट में अर्जी लगाकर एसडीएम सदर के आदेश पर रोक लगाने की अपील की।

डीएम एमपी सिंह ने अपनी अगुवाई में आठ सदस्यीय बोर्ड गठित कर हॉस्पिटल प्रबंधन की अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया और  निर्माण को अवैध बताया। बोर्ड के फैसले के बाद ही प्रबंधन ने शुक्रवार रात में ही हॉस्पिटल सहित पूरे कैंपस को खाली करना शुरू कर दिया था। इसके बाद शनिवार और रविवार को चली कार्रवाई में पूरी तरह से बिल्डिंग ध्वस्त कर दी गई।

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