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​​​​​​​बैंक लोन घोटाला : बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी के 20 खाते सीबीआई के रडार पर

बैंक लोन घोटाले में फंसी बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेस के कम से कम 20 बैंक खाते इस समय सीबीआई के रडार पर हैं। सीबीआई इन बैंक खातों से हुए लेन-देन का ब्योरा जुटा...

​​​​​​​बैंक लोन घोटाला : बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी के 20 खाते सीबीआई के रडार पर
प्रमुख संवाददाता, लखनऊWed, 21 Oct 2020 07:38 AM
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बैंक लोन घोटाले में फंसी बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेस के कम से कम 20 बैंक खाते इस समय सीबीआई के रडार पर हैं। सीबीआई इन बैंक खातों से हुए लेन-देन का ब्योरा जुटा रही है। सीबीआई जल्द ही नामजद आरोपियों से पूछताछ भी कर सकती है। इस बीच मामले में मनी लांड्रिंग की आशंका को देखते हुए प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) भी जांच शुरू कर सकता है।

सीबीआई ने 19 अक्तूबर को दो निजी कंपनियों मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज व मेसर्स रॉयल एंपायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही उनसे जुड़े निदेशकों विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी व अजीत पांडेय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही कंपनी के लखनऊ में महानगर स्थित कार्पोरेट कार्यालय व नोएडा में सेक्टर 72 स्थित कार्यालय पर छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार छापों के दौरान सीबीआई ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे। उसने ऐसे 20 बैंक खातों का पता भी लगाया, जिनके जरिए बैंक से लोन के रूप में लिए गए 754. 24 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है।

बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज की गई इस एफआईआर में कंपनी को दिए गए 754.24 करोड़ रुपये के लोन में धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि सीबीआई लोन देने वाले बैंकों के अफसरों से भी पूछताछ कर सकती है, क्योंकि लोन देने में नियमों की अनदेखी किए जाने की भी आशंका जताई जा रही है। जिन संपत्तियों को बंधक रखकर लोन मंजूर किए गए हैं, उनकी वास्तविक कीमत उतनी नहीं है।

सूत्रों के अनुसार मामले में मनी लांड्रिंग की आशंका को देखते हुए ईडी भी इसकी जांच शुरू कर सकता है। प्रारंभिक जांच-पड़ताल में ऐसे तथ्य सामने आने पर प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। विनय शंकर तिवारी पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं। वह गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से बसपा के विधायक हैं।

इससे पहले आईडीबीआई बैंक ने अपने 200 करोड़ रुपये के लोन की वसूली को लेकर नोटिस जारी किया था। बैंक ने 33 लोगों के खिलाफ यह नोटिस जारी किया था। इसमें पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी, विधायक विनय शंकर तिवारी और विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय का नाम भी शामिल था।

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