बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन: दलित-ब्राह्मण गठजोड़ से 2022 में बनाएंगे बसपा की सरकार - सतीश मिश्रा
ताजनगरी में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने कहा कि 2022 में बसपा दलित-ब्राह्मण गठजोड़ से सरकार बनाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा की सरकार के कार्यकाल में...
इस खबर को सुनें
ताजनगरी में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने कहा कि 2022 में बसपा दलित-ब्राह्मण गठजोड़ से सरकार बनाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा की सरकार के कार्यकाल में माहौल खराब हुआ है। ब्राह्मण समाज के लोगों पर हमले हुए, उनके साथ धोखा किया गया। कानपुर के बिकरू कांड में कई निर्देशों को फंसाया गया। मिश्रा ने रामलला का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने श्रीराम के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये का चंदा किया। इसका हिसाब तक नहीं दे रही है। भाजपा श्रीराम की ठेकेदार नही है। वह तो सबके हैं।
मिश्रा रविवार को आरबीएस कालेज के राव कृष्ण पाल प्रेक्षागृह में बसपा के प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2007 में बसपा ने दलित-ब्राह्मण गठजोड़ के सहारे ही सरकार बनाई थी। तब ब्राह्मणों का खूब सम्मान भी हुआ। भाजपा की सरकार में ब्राह्मणों के साथ अन्याय हो रहा है। मजबूत ब्राह्मणों को चुनचुन कर मारा जा रहा है। उन्हें जेल में डाला जा रहा है। यही नहीं महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। बिकरू कांड का जिक्र करते हुए कहा कि खुशी दुबे को किस तरह से परेशान किया जा रहा है, ये सब जानते हैं। ब्राह्मण समाज पर हो रहे अत्याचार को बसपा बर्दाश्त नहीं करेगी। बिकरु कांड मामले में तमाम बेगुनाह लोगों को फंसाया गया। न कोई अदालत, न कोई कानून, सीधे गोली मारकर फैसला हुआ। आसपास के इलाकों में प्रतिष्ठित ब्राह्मण थे, उन्हें भी नामजद किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री नकुल दुबे, श्याम सुदंर शर्मा, मुनकाद अली, राजकुमार रावत, गोरेलाल भी मौजदू थे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विमल कुमार वर्मा ने की।
बसपा सरकार में खूब काम हुए
बसपा महासचिव ने कहा कि 2007 से 2012 तक बसपा सरकार में अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी में बसपा सरकार के दौरान काफी विकास कार्य कराए गए। बसपा भाजपा की तरह कोई आडम्बर और दिखावा नहीं करती है। गोवर्धन मेले को सरकारी मेला घोषित किया। वृंदावन में पानी और सीवर लाइन डलवाई। मथुरा में बस अड्डा बनवाने का काम किया। 100 बैड का अस्पताल और विधवाश्रम के अलावा बिजलीघर स्थापित कराए। यमुना की सफाई का अभियान चलाया।
सीता को क्यों भूल जाती है भाजपा
भाजपा श्रीराम को याद करती है। उन्हें सीता से कोई मतलब नहीं है। भाजपा वाले श्रीराम का नाम ऐसे लेते है जैसे युद्ध का आगाज कर रहे हों। अब लोगों को भाजपा का असली चेहरा पहचानने की जरूरत है। किसानों के आंदोलन के बारे में कहा कि उनके साथ अत्याचार हो रहा है। तीनों काले कानूनों के लागू होने पर किसानों की जमीन भी उनकी नहीं रह जाएगी। सरकार ने नौजवानों को दो करोड़ नौकरी देने के वायदे को पूरा नहीं किया। किसी के खाते में 15-15 लाख रुपये नहीं आए। गोष्ठी की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। बसपा महासचिव का स्वागत करने वालों ने उन्हें हनुमान की गदा, परशुराम का फरसा भेंट किए। साथ ही सीताराम के नारे भी लगाए गए।