कांग्रेस के आरोपों का मायावती ने दिया जवाब, बोलीं-कांग्रेस अपनी सुविधा के लिए बसपा पर लगाती रही है आरोप
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के आरोपों का सोमवार को हमलावर अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बसपा न तो कांग्रेस के हाथ का खिलौना रही है और न ही भाजपा के। उन्होंने बसपा के लोगों को इससे सावधान...
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के आरोपों का सोमवार को हमलावर अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बसपा न तो कांग्रेस के हाथ का खिलौना रही है और न ही भाजपा के। उन्होंने बसपा के लोगों को इससे सावधान रहने को कहा। बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अपनी सुविधा के लिए बसपा पर इस तरह के आरोप लगाती रहती हैं। उन्होंने कहा कि चीन के मसले पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने सोमवार को दिल्ली में एक एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस अगर सोचती है कि बसपा चीन के साथ विवाद में कांग्रेस का साथ देगी और केंद्र सरकार से तू-तू, मैं-मैं करेगी तो यह गलत है। एक असली अंबेडकरवादी पार्टी का यह स्वभाव नहीं हो सकता। वास्तव में कांग्रेस हो या भाजपा, जो भी पार्टी केंद्र की सत्ता में होती है, वह अपनी सुविधा के लिए बसपा पर इस प्रकार का तुच्छ आरोप लगाती है।
उन्होंने कहा कि बसपा ने भाजपा के साथ मिलकर कभी भी कोई चुनाव नहीं लड़ा, क्योंकि दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है। अपने मूल सिद्धांत को लेकर ही वर्ष 2003 में हमने यूपी के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद स्पष्ट कर दिया था कि भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार बनाना अलग बात है, परन्तु साथ मिलकर चुनाव लड़ना अलग मामला है। इसीलिए बसपा के लोगों से मेरा यही आग्रह है कि वे कांग्रेस के दुष्प्रचार से सावधान रहें। हालांकि बसपा के लोगों को जैसे-को-तैसा जवाब देना भी आता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का केंद्र व राज्यों में एकछत्र राज रहने के दौरान यूपी व बिहार आदि से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ा था। स्थानीय स्तर पर उनको ठीक से रोजगार देने की व्यवस्था तत्कालीन कांग्रेस सरकारें नहीं कर पाई थीं। भाजपा का अब दायित्व बनता है कि वह कांग्रेस पार्टी की गलतियों से सबक सीखे, उसके पदचिन्हों पर न चले बल्कि सही सुधार लाकर खासकर देश के गरीबों व मेहनतकश जनता से किया गया अपना सभी जनहित का वायदा पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निभाए।
उन्होंने कहा कि देश काफी नाजुक दौर से गुजर रहा है। ऐसे में कांग्रेस व भाजपा के बीच तकरार ठीक नहीं है। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमत को तुरन्त नियंत्रित करे। देश को 'आत्मनिर्भर' बनाने का अभियान अच्छी बात है, लेकिन इसके नाम पर केंद्र व राज्य सरकारें जो भी योजनाएं चला रही हैं, उसका लाभ पूरी निष्ठा, ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ जमीन पर सभी गरीबों व जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है।