सुप्रीम कोर्ट के जरिए आरक्षण खत्म कराने की साजिश रच रही भाजपा सरकार: मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि आरक्षण में वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त करके उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा होगा। हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों में उप वर्गीकरण (कोटे के अंदर कोटा) के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त करके उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा है। बसपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। उनकी पार्टी आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पुन: विचार करना चाहिए। भाजपा सरकार अगर एससी व एसटी समाज की हितैषी है और नीयत साफ है तो संसद के इसी सत्र में संविधान के 9वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव लाकर आरक्षण की गारंटी दे।
सरकारें मनचाही जातियों को आरक्षण देंगी
बसपा सुप्रीमो ने रविवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सरकारें मनचाही जातियों को आरक्षण देने का काम करेंगी, इससे असंतोष की भावना उत्पन्न होगी। आरक्षण पर नई सूची बनाने से कई तरह की परेशानियां भी सामने आएंगी। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य के मामले में 20 साल पहले के फैसले पर सुनवाई सही नहीं है। एससी व एसटी के बीच उपजातियों का विभाजन करने का फैसला भी सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं न कहीं आरक्षण को खत्म करने के प्लान जैसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में खड़े किए वकीलों ने दलीलें ठीक से दी होतीं तो ऐसा फैसला ना आता।
क्रीमीलेयर तो 10 फीसदी ही
उन्होंने कहा कि संविधान में दलितों और आदिवासियों को शैक्षिक सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया गया है। इनके सामाजिक स्थिति में आज भी कोई बदलाव नहीं आया है। मायावती ने क्रीमी लेयर के सवाल पर कहा कि जाटवों और अनुसूचित जाति में मुश्किल से 10 फीसदी लोग ही इस श्रेणी में आएंगे और 90 फीसदी लोग आज भी उसी स्थिति में है। आरक्षण तो सामाजिक स्थिति पर दिया गया था, समाज में आज भी इन वर्गों की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है, इसलिए आरक्षण किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जाना चाहिए।
दलित समाज एकजुट हो
मायावती ने दो टूक लहजे में कहा कि भविष्य में आरक्षण में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिशें न हो। उन्होंने अनूसूचित जातियों को आगाह करते हुए कहा कि आपातकालीन की स्थिति को समझते हुए एससी-एसटी वर्ग को एकजुट होने की जरूरत है, यदि वह बंटे रहेंगे तो विरोधी उनका फायदा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में आरक्षण पर किसी भी तरह का बदलाव न हो। किसी भी स्तर पर आरक्षण को बचाना जरूरी है। विभिन्न पार्टियों पर दबाव बनाकर संशोधन विधेयक लाने को कहें।
सपा ने पदोन्नति में आरक्षण खत्म कराया
उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का कोटा समाजवादी पार्टी ने खत्म कराया। उन्होंने कहा कि उस समय केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार थी। बसपा बाहर से सहयोग कर रही थी। बसपा के दबाव में कांग्रेस पदोन्नति में आरक्षण का प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन सपा सांसदों ने उसकी प्रति को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी भी दलित विरोधी है।
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।