यूपी राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा के छह विधायक अपनी ही पार्टी में बागी हो गए हैं। उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बसपा से समर्थन वापस लेने वाले छह विधायकों में से एक बागी विधायक हकीम लाल भी हैं। हकीम लाल ने मायावती पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मायावती जो बीजेपी के खिलाफ थीं, अब बीजेपी का समर्थन चाह रही है। आरएस चुनावों के लिए मेरे निर्वाचन क्षेत्र से नए उम्मीदवार की तलाश भी मायावती कर रही हैं। विधायक हकीम लाल इसको लेकर अपना अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यदि मायावती उनकी चिंताओं पर ध्यान देती हैं तो वह बीएसपी के साथ आने पर विचार कर सकते हैं।
Mayawati ji who was against BJP is now seeking BJP's support & looking for new candidate from my constituency for RS polls. I feel insulted. If she pays heed to our concerns then we may consider being with BSP: Hakim Lal rebel BSP MLA on 6 BSP MLAs withdrawing support from party pic.twitter.com/22lt4WCpe8
— ANI UP (@ANINewsUP) October 28, 2020
आपको बता दें कि बुधवार को यूपी राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा के छह विधायकों ने पार्टी को जोरदार झटका दिया था। बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के 10 प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस लिया। इनमें असलम चौधरी ,असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दीकी ,हाकम लाल बिंद ,गोविंद जाटव शामिल हैं। कल ही असलम चौधरी की पत्नी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। यूपी में दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा की ओर से आठ, समाजवादी पार्टी के एक, बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
राज्यसभा चुनाव की जंग सपा ने बिछाए बसपा की राह में कांटे
इससे पहले ऐन मौके पर सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में आ जाने से अब राज्यसभा चुनाव की जंग रोचक हो गई थी। अगर सबके पर्चे सही पाए गए तो 11 प्रत्याशियों में से 10 को चुनने के लिए मतदान होगा। विधायकगण वोट डालेंगे। सपा की इस चाल से चुनाव की नौबत आ गई है। इससे बसपा का खेल मुश्किल हो गया है। इससे बड़ी बात यह कि विधायकों में क्रासवोटिंग के आसार भी अब बनेंगे। भाजपा इस स्थिति से बचना चाहती थी। इसलिए उसने अपना नौवां प्रत्याशी नहीं उतारा और एक तरह से उसके इस कदम से बसपा की राह भी आसान हो गई थी।