बरेली: जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे शव का चेहरा दिखाने के लिए दलालों ने मांगे 1000 रुपये
बरेली के जिला अस्पताल की मोर्चरी में शव दिखाने के नाम पर सौदेबाजी की जा रही है। बुधवार को यहां बीमारी से मरे युवक का शव दिखाने के लिए परिवार से एक हजार रुपये मांग लिए गए। इससे गुस्साए परिजनों ने...
बरेली के जिला अस्पताल की मोर्चरी में शव दिखाने के नाम पर सौदेबाजी की जा रही है। बुधवार को यहां बीमारी से मरे युवक का शव दिखाने के लिए परिवार से एक हजार रुपये मांग लिए गए। इससे गुस्साए परिजनों ने रुपये मांगने वालों को दबोच लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है।
बिथरी चैनपुर के तइय्यतपुर में रहने वाले मुकेश ने बताया कि उनका भाई तेजपाल लंबे समय से पेट की बीमारी से परेशान था। सोमवार को वह बगैर किसी को कुछ बताए घर से गायब हो गया। बुधवार को सूचना मिली कि वह जिला अस्पताल में भर्ती था, जहां उसकी मौत हो गई है। जिला अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि शव मोर्चरी में है। पूरा परिवार घंटों मोर्चरी के बाहर इंतजार करता रहा, मगर कर्मचारियों ने तेजपाल का शव नहीं दिखाया।
मुकेश का कहना है कि दोपहर में कैंट निवासी दो लोग वहां पहुंचे और बताया कि मोर्चरी में प्राइवेट काम करते हैं। मुकेश का आरोप है कि भाई का शव दिखाने की बात कहने पर युवकों ने उनसे एक हजार रुपये मांगे। आरोपियों ने कहा कि अस्पताल में तैनात स्टाफ का एक व्यक्ति बिना रुपये लिए मोर्चरी में रखे शव नहीं दिखाएगा। यह सुनकर मुकेश को गुस्सा आ गया और उन्होंने आरोपियों में से एक को पकड़ लिया। इसके बाद वहां लोगों की भीड़ जुट गई। यह देखकर दलाल का दूसरा साथी भागने लगा, मगर लोगों ने उसे भी दबोच लिया। दोनों को पुलिस को सौंप दिया गया। हालांकि, देर शाम तक पीड़ित परिवार ने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ तहरीर नहीं दी थी।
गलत नाम और पते से भर्ती हुआ था तेजपाल
सोमवार को घर से निकलने के बाद तेजपाल जिला अस्पताल पहुंचा और पेट दर्द की बात कहकर भर्ती हो गया। उसने यह बात परिवार को नहीं बताई थी। अस्पताल में उसने नाम-पता भी गलत दर्ज कराया। स्टाफ के अनुसार उसने अपना नाम तेजराम और पता पीलीभीत चुनैरा दर्ज कराया था।
एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने बताया कि लोगों ने दो युवकों को पकड़कर पुलिस को सौंपा है। उन पर अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव दिखाने के बदले रुपये मांगने का आरोप है। तहरीर मिलने पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।