पंचायत चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले बूथ निर्धारण का काम शुरू हो गया है। इस बार अमराेहा जिले में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ जाएगी। मतदान केंद्रों के संबंध में आयोग से जारी हुई नई गाइडलाइन पर जिले में कार्य शुरू हो गया है।
एडीएम विनय कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट में बैठक लेते हुए बूथों के निर्धारण के संबंध में आयोग से जारी नई गाइडलाइन से अफसरों को अवगत कराया। 800 से अधिक वोटर वाले बूथ और 400 से कम वोटर वाले बूथों को चिन्हित कर सूची तैयार करने का निर्देश दिया। 800 से अधिक वोटर पर एक बूथ बनेगा। 400 से कम वोटर वाले बूथ अन्य बूथों में शामिल किए जाएंगे। इस तरह जिले में बूथों की संख्या बढ़ जाएगी। फिलहाल जिले में 1733 बूथ पंचायत चुनाव के लिए निर्धारित किए गए हैं। हालांकि आयोग से जारी नई गाइडलाइन के तहत बूथों में फेरबदल होना तय है। नई गाइडलाइन के अनुसार जिले में बूथों के निर्धारण का कार्य शुरू हो गया है। एक सप्ताह के अंदर बूथों का निर्धारण कर सूची आयोग को भेजी जाएगी।
कई जगह बढ़े पद :
इस बीच पंचायतीराज निदेशालय ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग को आशिंक परिसीमन की रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानों के पद कम हुए और ब्लाक प्रमुखों के पद बढ़े हैं। करीब 880 पदों पर इस बार चुनाव नहीं होगा। वहीं ब्लॉक प्रमुख के 5 पद बढ़ने की सूचना है। इन नए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सर्वाधिक 1858 ग्राम पंचायतों वाला जिला आजमगढ़ है, 2015 में इस जिले में कुल 1872 ग्राम पंचायतें थीं। दूसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतें जौनपुर में 1740 हैं, 2015 के चुनाव में यहां 1773 पंचायतें थीं। प्रदेश में जिला पंचायत सदस्यों के पद भी कम हो गये हैं। 2015 के चुनाव में प्रदेश की कुल 75 जिला पंचायतों में 3120 वार्ड थे जबकि इस बार इनमें 69 वार्ड कम हो गये हैं, इस तरह से इस बार के चुनाव में कुल 3052 जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर ही चुनाव होगा। बताते चलें कि प्रदेश के 71 जिलों में इस बार संक्षित परिसीमन हुआ जबकि गोंडा, सम्भल, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर में पूर्ण परिसीमन करवाया गया क्योंकि 2015 के पंचायत चुनाव में कानूनी अड़चनों की वजह से इन चार जिलों में परिसीमन नहीं करवाया जा सका था।