लखीमपुर खीरी हिंसा पर बोली BKS, वो किसान नहीं पेशेवर गिरोह के लोग
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए खूनखराबा मामले में किसान और सरकार के बीच सुलह हो चुकी है। मृत किसान परिवारों को 45-45 लाख रुपए और परिवार के एक शख्स को सरकारी नौकरी मिलेगी। मामले में अब आरएसएस के...
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए खूनखराबा मामले में किसान और सरकार के बीच सुलह हो चुकी है। मृत किसान परिवारों को 45-45 लाख रुपए और परिवार के एक शख्स को सरकारी नौकरी मिलेगी। मामले में अब आरएसएस के संबंद्ध भारतीय किसान संघ(बीकेएस) का कहना है कि लखीमपुर खीरी में हिंसा करने वाले लोग किसान नहीं हो सकते, वे जरूर विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग थे।
घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए बीकेएस ने एक बयान में कहा, “घटना में संलिप्त लोग किसान नहीं थे, वे विभिन्न राजनीतिक दलों से संबंधित थे। इस घटना को वामपंथी तरीकों का इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया गया। लोगों को लाठियों से बेरहमी से पीटकर मारा गया, किसान ऐसा नहीं कर सकते।”
बीकेएस ने दावा किया कि जिस तरह से लोगों ने कानून को अपने हाथ में लिया और सार्वजनिक रूप से हत्याएं कीं, उससे पता चलता है कि वे कुछ पेशेवर गिरोहों का हिस्सा थे।
इस तरह के कृत्यों में शामिल लोगों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हुए संघ ने कहा कि इस जघन्य घटना की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच कर मृतकों के परिवारों के साथ न्याय किया जाना चाहिए।