BJP vs AAP: गोपाल राय ने केंद्र पर साधा निशाना-किसानों के समर्थन में कल सामूहिक उपवास पर बैठेंगे आप नेता
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को आम आदमी पार्टी ने भी सामूहिक उपवास पर बैठने का ऐलान किया है। इस दिन किसानों ने भी दिन भर सामूहिक उपवास की...
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को आम आदमी पार्टी ने भी सामूहिक उपवास पर बैठने का ऐलान किया है। इस दिन किसानों ने भी दिन भर सामूहिक उपवास की घोषणा की है। आप के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह सामूहिक उपवास देश भर में किया जाएगा। आम आदमी पार्टी के विधायक, पार्षद समेत सभी नेता इसमें शामिल होंगे।
उन्होंने दावा किया कि अब तक 11 किसानों की जान चुकी है। कहा कि इसके बावजूद केंद्र सरकार, भाजपा के नेता और मंत्री अपने अहंकार में डूबे हुए हैं। उन्हें लग रहा है कि किसान एक दिन इस आंदोलन को तोड़ देंगे। बढ़ती ठंड के चलते किसान अपने घर चले जाएंगे। मुझे लगता है कि वे गलतफहमी में है। किसानों की जिंदगी का सवाल है। 11 जान चुकी है फिर भी वे डटे हुए हैं। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को अन्नदाताओं की खातिर उनकी मांग तत्काल मान लेनी चाहिए।
कल दिल्ली में ITO पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के पदाधिकारियों, विधायकों और पार्षदों द्वारा सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक किसानों के समर्थन में सामूहिक उपवास किया जाएगा। आम आदमी पार्टी किसानों की मांगों के समर्थन में पूरी तरह से हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है: गोपाल राय, AAP pic.twitter.com/ViRO0MAZok
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2020
आप नेता ने कहा कि किसानों ने आंदोलन को बढ़ाते हुए अनशन का फैसला लिया है। गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी उपवास करेंगे। आंदोलन का समर्थन करेंगे। कल दिल्ली में पार्टी मुख्यालय, आईटीओ पर किसानों के समर्थन में सामूहिक उपवास किया जाएगा। विधायक, पार्षद और नेता इस उपवास में शामिल होंगे। आंदोलन के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायकों द्वारा सेवा का अभियान चलाया जा रहा है, वह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आप पूरी तरह से किसानों की मांग के समर्थन में है। पार्टी केंद्र सरकार से अपील करना चाहती है। देश ने देखा है कि किसान दिल्ली के बार्डर पर हैं। पीएम मोदी बनारस में और फिक्की के अधिवेशन में देश के उद्योगपतियों के साथ किसानों पर चर्चा कर रहे थे। प्रधानमंत्री से आप की अपील है कि फिक्की अधिवेशन में उद्योग नीति पर चर्चा करें।
अगर केंद्र लगता है कि यह बिल किसानों के फायदा का है तो उन्हें समझाएं। इसे लेकर छह राउंड की बैठक हो चुकी है। किसानों को समझाया गया है कि कृषि बिल से उन्हें फायदा होगा। किसानों ने भी कमियां बताई हैं। सरकार ने माना है कि बिल में कमियां हैं। सरकार ने माना कि राज्यसभा के अंदर इस पर बहस होनी चाहिए थी। संशोधन की बात सरकार मान रही है तो उसे वापस लेने के लिेए क्यों नहीं मान रही है। कमियां हैं तो उसे ठीक करने की नैतिक जिम्मेदारी सरकार की बनती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि इस आंदोलन को बदनाम करना बंद करें। देश के किसान गुमराह हो जाएंगे।
केंद्र सरकार अलग-अलग बात करके उनकी एकता को खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार को गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। इस बिल को वापस लेकर नए सिरे से कानून बनाने की तरफ बढ़ना चाहिए। सरकार का अहंकार इस देश के लाखों किसानों से बड़ा नहीं हो सकता है।
दिल्ली पुलिस के दुरुपयोग का आरोप लगाया
आप संयोजक ने एनडीएमसी विवाद को लेकर आप विधायकों को प्रदर्शन से रोके जाने और हिरासत में लिए जाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है। दिल्ली में किसान आकर आंदोलन विरोध नहीं कर सकते हैं। महामारी के नाम पर यहां धारा 144 लगा दी जाती है। दिल्ली में उत्तरी नगर निगम में घोटाला हुआ है। आप विधायक और नगर निगम के पार्टी नेता केंद्रीय गृहमंत्री के यहां जाना चाहते हैं लेकिन आप के पाचं विधायकों को गिरफ्तर कर लिया जाता है। बताया जाता है कि घारा 144 लागू है।
अगर किसान आंदोलन के लिए धारा 144 है, आप विधायकों के लिए धारा 144 लागू है तो सीएम अरविंद केजरीवाल के यहां आठ दिन से प्रदर्शन कर रहे भाजपा के मेयरों के लिए धारा-144 क्यों नहीं लागू है। क्या सरकार नियमों को अपनी सुविधा के अनुसार चलाना चाहती है।