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विधायक को बैठक में न बुलाने पर भड़के भाजपा जिलाध्‍यक्ष, डीएम से बोले-यह बर्दाश्‍त नहीं 

कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (कसाडा) की बैठक में स्‍थानीय विधायक और पार्टी की ओर से शासन द्वारा नामित विशिष्ट सदस्यों को नहीं बुलाए जाने को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेमचंद्र मिश्र भड़क...

विधायक को बैठक में न बुलाने पर भड़के भाजपा जिलाध्‍यक्ष, डीएम से बोले-यह बर्दाश्‍त नहीं 
हिन्‍दुस्‍तान टीम , कुशीनगरWed, 26 Aug 2020 05:36 PM
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कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (कसाडा) की बैठक में स्‍थानीय विधायक और पार्टी की ओर से शासन द्वारा नामित विशिष्ट सदस्यों को नहीं बुलाए जाने को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेमचंद्र मिश्र भड़क गए। उन्‍होंने कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के सामने कमिश्‍नर और डीएम से जमकर अपनी नाराजगी जताई। उन्‍होंने कहा कि नियमों के तहत इस बैठक मेें जनप्रतिनिधियों को बुलाना अनिवार्य है। उन्‍‍‍‍‍हें नहीं बुलाना अशिष्टता है। इसे बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता। जिलाध्‍यक्ष की शिकायत पर कमिश्‍नर ने डीएम को जांच कर पूरे मामले में रिपेार्ट देने को कहा है। 

कमिश्‍नर जयंत नार्लीकर की अध्यक्षता में बुधवार को रॉयल रेजीडेंसी होटल में कसाडा की बैठक आयोजित थी। बैठक में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, सीईओ व जिलाधिकारी भूपेश एस चौधरी, देवरिया के डीएम अमित किशोर समेत लोनिवि, स्टाम्प व निबंधन, विद्युत, नगरपालिका, पर्यटन आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। कसाडा बोर्ड में सांसद व विधायक पदेन सदस्य हैं। साथ ही शासन से दो अन्य सदस्य भी नामित किए गए है। कोरोना संक्रमित होने के कारण सांसद ने बैठक में अपने एक प्रतिनिधि को भेजा था। बैठक के दौरान विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी पहुंचे पर सभागार में नही गए। पत्रकारों के पूछने पर बताया कि उन्हें बैठक की कोई जानकारी नहीं है। वह कृषि मंत्री के प्रोटोकाल में आए हैं। कुछ देर बाद भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेमचन्द मिश्र और जिला उपाध्यक्ष अवधेश प्रताप सिंह भी दर्जनों भाजपा पदाधिकारियों के साथ पहुंच गए।

बैठक के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष अन्य कार्यकर्ताओं के साथ सभागार में पहुंच गए और वहां बैठे आयुक्त व डीएम को विधायक व नामित सदस्यों की उपेक्षा को लेकर खरी खोटी सुनाई। इसके अलावा मंगलवार को एयरपोर्ट की अंतराष्ट्रीय टर्मिनल बिल्डिंग के शिलान्यास में भी विधायक को नहीं बुलाए जाने को लेकर डीएम को आड़े हाथों लिया। जिलाध्यक्ष ने आयुक्त से यहां तक कह दिया कि चाहें तो ऊपर बता दीजिएगा। अशिष्टता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

सभागार से बाहर निकलने पर कृषि मंत्री ने कहा कि कसाडा एक अधिकृत बॉडी है। जो नियम है उसका पालन होना चाहिए। यदि जनप्रतिनिधि के लिए कोई व्यवस्था नहीं है तो कसाडा उन्हें बैठक में शामिल नहीं करने के लिए प्रस्ताव शासन में भेजे। कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने कहा कि डीएम को प्रकरण की जांच कर शाम तक रिपोर्ट मांगी गई है।

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