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बर्ड फ्लू का बाजार पर दिखने लगा असर, थोक में 85 रुपये पहुंचा मुर्गा

बर्ड फ्लू का यूपी में भले ही कोई मामला नहीं आया हो लेकिन इसके आहट से पोल्ट्री उद्योग सहमा हुआ है। थोक से लेकर फुटकर मंडी में कीमतों पर इसका असर दिखने लगा है। पहली जनवरी को थोक में मुर्गा 120 रुपये...

बर्ड फ्लू का बाजार पर दिखने लगा असर, थोक में 85 रुपये पहुंचा मुर्गा
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,गोरखपुर Fri, 08 Jan 2021 06:26 PM
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बर्ड फ्लू का यूपी में भले ही कोई मामला नहीं आया हो लेकिन इसके आहट से पोल्ट्री उद्योग सहमा हुआ है। थोक से लेकर फुटकर मंडी में कीमतों पर इसका असर दिखने लगा है। पहली जनवरी को थोक में मुर्गा 120 रुपये प्रति किलो बिका था, जो गिरकर 85 रुपये पहुंच गया है। मुर्गे की कम हुई मांग से बकरे के मीट और मछली की डिमांड में इजाफा हो गया है।

कोरोना से उबर रहा पोल्ट्री उद्योग पर बर्ड फ्लू की करारी मार पड़ती दिख रही है। पशुपालन विभाग से लेकर पोल्ट्री संचालक बर्ड फ्लू को लेकर सफाई दे रहे हैं। इसके बाद भी मांग में लगातार कमी दिख रही है। थोक कारोबारी अनूप सिंह ने बताया कि पहली जनवरी को मुर्गा की कीमत पिछले छह महीने के ऊंचाई पर था। पहली को थोक में मुर्गा 120 रुपये किलो बिका था, वहीं गुरुवार को 85 रुपये किलो बिका। थोक में गिरी कीमतों का असर फुटकर में भी दिखने लगा है।

शास्त्री चौक, मेडिकल रोड, जेल बाईपास, मोहद्दीपुर में मुर्गे की दुकानों पर खास भीड़ नहीं दिखी। हालांकि कुछ मोहल्लों में मुर्गा 180 रुपये प्रति किलो भी बिका। बिछिया में मुर्गा बेचने वाले चांद ने बताया कि आम दिनों में एक कुंतल मुर्गे का मीट बिक जाता था, गुरुवार को बमुश्किल 50 किलो ही मुर्गे का मीट बिका। बकरे के मीट विक्रेता गुड्डू का कहना है कि ठंड में वैसे भी मीट की मांग बढ़ जाती है। अभी मांग में ऐसा इजाफा नहीं है, जिसे असर के रूप में देखा जा सके।

अफवाह दूर करने को पहल करे प्रशासन
पोल्ट्री फार्म संचालकों में बर्ड फ्लू को लेकर खौफ है। कारोबारी अनूप सिंह का कहना है कि यूपी में अभी तक एक भी केस नहीं आया है। कुछ कौवों में बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं। इस आधार पर स्थानीय पोल्ट्री फार्म संचालकों को नुकसान नहीं हो इसे लेकर प्रशासन को पहल करनी होगी। वहीं थोक कारोबारी जित्तन जायसवाल का कहना है कि अभी कीमतें और गिर सकती हैं। पोल्ट्री फार्म वालों ने नया चूजा डालना रोक दिया है।

उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर न कोई मामला आया है, न ही संकट है। हालांकि सर्तकता में कसर नहीं छोड़ी जा रही है। किसी प्रकार का पैनिक नहीं पैदा होना चाहिए। मुर्गे का मीट पूरी तरह सुरक्षित है। सुरक्षा को लेकर पोल्ट्री फार्म संचालकों को गाइड लाइन भेजी गई है।
डॉ. डीके शर्मा, जिला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

 

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