कानपुर मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही, खराब वेंटिलेटर ने ली बच्चे की जान
पीएम केयर फंड से कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में खराब वेंटिलेटरों की सप्लाई हो गई। वेंटिलेटर चलते-चलते बंद हो रहे हैं। इससे एक बच्चे की जान चली गई। बाल रोग की आईसीयू प्रभारी ने खराब वेंटिलेटर से...
पीएम केयर फंड से कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में खराब वेंटिलेटरों की सप्लाई हो गई। वेंटिलेटर चलते-चलते बंद हो रहे हैं। इससे एक बच्चे की जान चली गई। बाल रोग की आईसीयू प्रभारी ने खराब वेंटिलेटर से बच्चे की मौत की रिपोर्ट विभागाध्यक्ष को दी है। वहीं, विभागाध्यक्ष ने प्राचार्य को इस सम्बंध में अवगत करा दिया है।
दूसरी लहर के दौरान अप्रैल में 26 वेंटिलेटर पीएम केयर फंड से मेडिकल कॉलेज आए थे। सबसे पहले ये वेंटिलेटर न्यूरोकोविड आईसीयू और मैटरनिटी कोविड विंग में लगाए गए, जहां के आईसीयू प्रभारियों ने वेंटिलेटर में गड़बड़ी पकड़ी थी। 21 मई, 2021 को दोनों प्रभारियों ने संयुक्त रूप से प्राचार्य को आ रही दिक्कतें बताई थीं। जानकारी दी थी कि चलते-चलते वेंटिलेटर बंद हो रहे हैं। मरीज सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं। ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा है। यह भी बताया था कि कंपनी के इंजीनियर सून नहीं रहे हैं। सलाह दी थी कि वेंटिलेटर ऐसे अस्पतालों में ट्रांसफर किए जाने चाहिए, जहां कम गम्भीर मरीज आ रहे हैं। लेवल 1 या 2 के मरीजों के लिए वेंटिलेटर इस्तेमाल को भेजे जाएं।
वहीं, दो वेंटिलेटर पीडियाट्रिक्स आईसीयू में लगाए गए थे। वहां की प्रभारी डॉ. नेहा अग्रवाल ने विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया था कि खराब वेंटिलेटर से एक बच्चे की मौत हो गई है। इसे बदला जाना चाहिए। इस आधार पर विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने 6 जुलाई को प्राचार्य को पत्र लिखकर डॉ. नेहा अग्रवाल की रिपोर्ट की ओर ध्यान दिलाया है।
वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं हुआ
पीएम केयर फंड से आए 26 वेंटिलेटरों में जैसे खराबी पता चली। उसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। बच्चों के आईसीयू में भी वेंटिलेटर लगाए गए थे। वहां भी इस्तेमाल पर रोक थी। किसी बच्चे की मौत की सूचना नहीं है। वेंटिलेटर कहीं और स्थापित करने सम्बंधी विभागाध्यक्ष का पत्र मिला है। - प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज
बच्चे की मौत वजह सिर्फ वेंटिलेटर नहीं
पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटर को कॉलेज के विशेषज्ञ पहले की अनुपयोगी बता चुके थे। इसलिए उनका इस्तेमाल बंद कर दिया गया था। पीआईसीयू प्रभारी के पत्र को प्राचार्य को भेज दिया गया है। बच्चे की मौत की वजह सिर्फ वेंटिलेटर नहीं है। उसकी बीमारी भी वजह थी। वेंटिलेटर बदलने की गुजारिश की गई है। - प्रो. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष, बाल रोग
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।