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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Big action of UP ATS: Three terrorists including two Pakistanis arrested from Nepal border

यूपी एटीएस का बड़ा एक्शन: नेपाल सीमा से दो पाकिस्तानी समेत तीन आतंकी गिरफ्तार

यूपी एटीएस ने भारत-नेपाल सीमा से दो पाकिस्तानी समेत तीन आतंकियों मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर व नासिर अली को गिरफ्तार किया। अल्ताफ भट आईएसआई की मदद से कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन....

Dinesh Rathour प्रमुख संवाददाता, लखनऊThu, 4 April 2024 01:41 PM
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यूपी एटीएस ने भारत-नेपाल सीमा से दो पाकिस्तानी समेत तीन आतंकियों मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर व नासिर अली को गिरफ्तार किया। अल्ताफ भट आईएसआई की मदद से कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से ट्रेनिंग भी ले चुका है। तीनों बुधवार को नेपाल से सटे महराजगंज जिले के सोनौली कस्बे से पकड़े गए थे। पूछताछ के बाद गुरुवार को मुकदमा दर्ज करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।  एटीएस के अनुसार, उसकी गोरखपुर फील्ड इकाई को खुफिया सूचना मिली थी कि दो पाकिस्तानी नागरिक भारत नेपाल सीमा से सटे शेख फरेंदा गांव होते हुए गुप्त रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं। यह भी पता चला था कि ये लोग भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने का मंसूबा रखते हैं तथा आईएसआई के सहयोग से हिजबुल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं।

बुधवार को एटीएस की टीम ने सोनौली बॉर्डर से पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सादिकाबाद निवासी मोहम्मद अल्ताफ भट, इस्लामाबाद के तरामणि चौक इरफानाबाद निवासी सैय्यद गजनफर तथा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित कराली पोरा हवल निवासी नासिर अली को दबोच लिया। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक मेमोरी कार्ड, दो पाकिस्तानी व एक भारतीय पासपोर्ट, सात डेबिट व क्रेडिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, दो फ्लाइट टिकट, एक पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस, दो पाकिस्तानी राष्ट्रीय पहचान पत्र तथा नेपाल, बांग्लादेश, भारत व अमेरिका की मुद्रा बरामद हुई है। तीनों के विरुद्ध एटीएस के लखनऊ थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी व 121 ए, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 13, 18 व 38 तथा विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 व 14 सी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान गया था अल्ताफ भट

मोहम्मद अल्ताफ भट ने पूछताछ में बताया कि उसका जन्म भारत के कश्मीर में हुआ था। करगिल युद्ध के बाद वह हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के एक आतंकी के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया था। वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बने। इस मकसद से उसने पाकिस्तान पहुंच कर आईएसआई के निर्देशन में हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैंप में जेहादी ट्रेनिंग ली। आईएसआई, कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय नागरिकों को अपनी तंजीम में जोड़ रही है। वह हिजबुल मुजाहिदीन का साहित्य पढ़कर तथा अन्य जेहादी संगठनों के उस्तादों की तकरीरें सुनकर प्रभावित हुआ। अल्ताफ ने हिजबुल के कैंप में असलहों की ट्रेनिंग की व लंबे समय तक कैंप में रहकर वहां के कमाण्डरों के दिशा-निर्देशन में काम किया। उसे हिदायत मिली थी कि वह खुफिया तौर से नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर पहुंचे, जहां पर उसे आगे की योजना के बारे में बताया जाएगा।
 
काठमांडू में मिला था नासिर अली 

अल्ताफ ने बताया कि नेपाल के काठमाण्डू में आईएसआई के हैंडलर के माध्यम से नासिर अली से मुलाकात हुई। नासिर ने ही अल्ताफ़ और गजनफर को फर्जी भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध करवाया। नासिर ने ही दोनों को शेख फरेंदा गांव के रास्ते भारत आने के लिए बताया था। नासिर कश्मीर का रहने वाला है और व्हॉट्सअप के जरिए उसका संपर्क आईएसआई के सलीम नाम के व्यक्ति से हुआ था। सलीम ने नासिर को बताया कि तुम्हारे मामू गजनफर के साथ एक और व्यक्ति को पाकिस्तान से भेजा जा रहा है, जो काठमांडू में मिलेंगे। 

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