इफ्तार और भड़काऊ नारों को लेकर बीएचयू का माहौल गर्म, छात्रों का VC आवास पर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान; कैंपस में फोर्स तैनात
बीएचयू में कुलपति के इफ्तार पार्टी में शामिल होने और दीवारों पर भड़काऊ नारों को लेकर माहौल गर्म हो गया। शाम को छात्रों के एक धड़े ने VC आवास पर हनुमान चालीसा पाठ और दूसरे धड़े ने बैठक का ऐलान किया है।
कुलपति के इफ्तार पार्टी में शामिल होने और परिसर में दीवारों पर भड़काऊ नारे लिखे जाने को लेकर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का माहौल गर्म हो गया है। एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने कल कुलपति आवास के बाहर पुतला जलाकर इफ्तार पार्टी का विरोध किया था। आज शाम छह बजे वीसी लॉज के सामने हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया है।
उधर, गुरुवार को बीएचयू की दीवारों पर कथित तौर पर भगत सिंह छात्र मोर्चा की ओर से लिखे गए भड़काऊ नारों को लेकर छात्रों के बीच टकराव की आशंका उत्पन्न हो गई है। कैंपस में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रशासन ने फोर्स तैनात कर दी है।
गौरतलब है कि कल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में एक इफ्तार पार्टी रखी गई थी। इसमें बीएचयू के कुलपति प्रो.सुधीर कुुुमार जैन समेत कई अधिकारी शामिल हुए थे। जैसे ही इस पार्टी की तस्वीरें और जानकारी छात्रों को मिली उन्होंने इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया। कुलपति आवास के बाहर छात्रों ने पुतला फूंककर अपने गुस्से का इजहार किया। छात्रों ने यहां तक कह दिया कि यदि कुलपति को इफ्तार पार्टी में शामिल होना है या आयोजन करना है तो जामिया या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चले जाएं। एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने कुलपति पर हिन्दू विरोधी होने और कैंपस में नई परम्परा की शुरुआत करने की कोशिश का आरोप लगाया। छात्रों ने कहा कि इसके पहले कैंपस में कभी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया जाता था।
यह विवाद अभी चल ही रहा था कि गुरुवार की सुबह बीएचयू की दीवारों पर जगह-जगह भड़काऊ नारे लिखे मिले। इन नारों में जाति विशेष को टारगेट किया गया है। दीवारों पर लिखे ये नारे सोशल मीडिया में वायरल हुए तो प्रशासन सख्त हो गया। कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस नारे लिखने वालों का पता लगाने में जुटी है। अधिकारियों का कहना है कि माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दीवारों पर लिखे इन नारों के नीचे 'भगत सिंह छात्र मोर्चा' का नाम लिया है।
शाम को एक तरफ हनुमान चालीसा, दूसरी तरफ बैठक का ऐलान
आज शाम को एबीवीपी से जुड़े छात्रों की ओर से वीसी लॉज पर हनुमान चालीसा के पाठ और भगत सिंह छात्र मोर्चा की ओर से लंका गेट पर बैठक का ऐलान किया गया है। इन दोनों ऐलानों की वजह से छात्रों के बीच टकराव की आशंका उत्पन्न होने की आशंका पैदा हो गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि जब बीएचयू में रोजा इफ्तार हो सकता है तो हनुमान चालीसा का पाठ भी होगा इस संबंध में बड़ी से बड़ी संख्या में छात्र शाम 5:00 बजे वीसी लॉज के सामने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ करेंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल भगत सिंह छात्र मोर्चा के संदेश में लिखा है कि अम्बेडकर जयंती मनाने के कारण वीसीएम के सदस्यों के साथ की जा रही मारपीट, अपहरण और धमकी के खिलाफ प्रतिरोध सभा बुलाई गई है। अभी तक अपराधी छात्रों पर मुकदमा दर्ज क्यों नहीं हुआ? उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? संदेश में बीएचयू और जिला प्रशासन पर आरोपी छात्रों को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया है।
भगत सिंह मोर्चा ने भड़काऊ नारे लिखवाने से किया इनकार
उधर, भगत सिंह मोर्चा ने बीएचयू की दीवारों पर लिखे भड़काऊ नारों से अपना कोई सम्बन्ध होने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बीएचयू के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कौन कर रहा है? गौरतलब है कि बीएचयू परिसर में जगह-जगह भड़काऊ नारे लिखे गए हैं। ये नारे बीती रात लिखे गए। सुबह परिसर में इन नारों को लेकर जोरदार चर्चा रही। इन नारों के सामने आने के बाद बीएचयू से जुड़े लोगों का कहना है कि लगातार कई महीनों से अवांछित तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की तरह-तरह की कोशिशें की जा रही है लेकिन न तो बीएचयू के खुफिया विभाग को इसकी कोई जानकारी हो पा रही है और न ही बीएचयू प्रशासन इस संबंध में कोई कड़ा रुख अपना पा रहा है।
लंका थाने पहुंचकर छात्रों ने की शिकायत
बीएचयू परिसर में दीवारों पर लिखे नारों की चर्चा जंगल की आग की तरह पूरे कैंपस में फैल गई इस मामले में जैसे ही भगत सिंह छात्र मोर्चा के सभी पदाधिकारियों को जानकारी हुई उन्होंने पहले मौके पर जाकर नारों की तस्वीर ली और उसके बाद लंका थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। मोर्चा के सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से भी इस मामले में शिकायत की है। भगत सिंह छात्र मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि वह ब्राह्मणवाद का विरोध जरूर करते हैं मगर ब्राह्मणों से उनका कोई विरोध नहीं है। इस तरह के उत्तेजक नारे उनके नाम से लिखकर संगठन को बदनाम करने की साजिश की गई है। भगत सिंह छात्र मोर्चा के पदाधिकारियों की शिकायत पाते ही पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और परिसर में पहुंचकर नारों को मिटाने का काम भी शुरू कर दिया है।
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