बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: 28 साल बाद आज आएगा फैसला, आडवाणी व जोशी समेत कई पर हैं विवादित ढांचा गिराने के आरोप
6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद बुधवार को अदालत का फैसला आने जा रहा है। हाईकोर्ट के पुराने परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण)...
6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद बुधवार को अदालत का फैसला आने जा रहा है। हाईकोर्ट के पुराने परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र कुमार यादव सुबह दस बजे अपना फैसला सुनाएंगे। विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह समेत सभी 32 अभियुक्तों को उपस्थित रहने को कहा है। हालांकि कोरोना के चलते इनमें कुछ अभियुक्तों के हाजिर होने की संभावना नहीं है।
इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं। लिहाजा इसके मद्देनजर अदालत का फैसला भी करीब दो हजार पन्ने का हो सकता है।
30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला 30 सितंबर को होगा। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक कि यह उनके न्यायिक जीवन में किसी मुकदमे का सबसे लंबा विचारण है। वह इस मामले में वर्ष 2015 से सुनवाई कर रहे हैं।
इधर, पुराने हाईकोर्ट परिसर में फैसले के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सेंट्रल बार एसोसिएशन ने भी वकीलों से गुजारिश की है कि वे हाईकोर्ट के पुराने परिसर में जाने से बचे। साथ ही पुराने परिसर में वाहन की पार्किंग से भी मना किया है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पार्किंग दूरसंचार भवन के सामने होगी।
ये प्रमुख आरोपी अब जीवित नहीं
आरोपी बाल ठाकरे, आचार्य गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया व विजयाराजे सिंधिया का निधन हो गया।
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