पश्चिमी यूपी वाले सावधान! ज्यादा हो रहे दिल के रोगी, इन कारणों से होती बीमारियां
खुलासा प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पाने वालों के डाटा से हुआ है। हृदय संबंधी बीमारियों का क्लेम लेने वालों में 40 फीसदी से अधिक केवल 10 जिलों के लोग हैं।
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पूरब के मुकाबले पश्चिमी यूपी के लोग ज्यादा संख्या में दिल की बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। उन्हें डॉक्टर और अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। यह चौंकाने वाला खुलासा प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पाने वालों के डाटा से हुआ है। हृदय संबंधी बीमारियों का क्लेम लेने वालों में 40 फीसदी से अधिक केवल 10 जिलों के लोग हैं। इनमें से आठ जिले सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।
जानकारों की मानें तो हृदय संबंधी बीमारियों का सीधा संबंध हाइपर टेंशन, खानपान और इसके चलते बढ़ते डायबिटीज के मामलों से है। प्रदूषण भी इसका एक कारण है। आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमारी का क्लेम लेने वालों का डाटा इशारा करता है कि पश्चिमी यूपी वालों की लाइफ स्टाइल में पूरब की तुलना में ज्यादा बदलाव आया है।
यूपी की बात करें तो करीब 33 हजार लोगों ने हृदय संबंधी बीमारियों का क्लेम लिया है। इनमें से साढ़े तरह हजार मामले सिर्फ 10 जिलों के हैं। पूर्वी यूपी से सिर्फ गोरखपुर शामिल है। जबकि मध्य उत्तर प्रदेश से लखनऊ इस सूची का हिस्सा है। बाकी के आठ शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, शामली और रामपुर शामिल हैं।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
सैफई मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. रमाकांत रावत कहते हैं कि जहां तक हृदय संबंधी बीमारियों के बढ़ने का सवाल है तो इसके पीछे खानपान, तनाव, लाइफ स्टाइल, डायबिटीज जैसे कारण हैं। तनाव दूर करने को तमाम लोग धूम्रपान का सहारा लेते हैं।
आयुष्मान के आंकड़े
- आयुष्मान भारत योजना में बीमारियों के ट्रेंड के अध्ययन से हुआ खुलासा
- हृदय संबंधी बीमारियों का क्लेम पाने वालों में 40 फीसदी से अधिक 10 जिलों से हैं
- दिल की बीमारी के अधिक केस वाले 10 में से पश्चिमी यूपी के हैं 08 जिले