अयोध्या में पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के साथ इस्लामी यूनिवर्सिटी भी बने- मौलाना सलमान नदवी
चर्चित इस्लामी विद्वान मौलाना सलमान नदवी ने कहा है कि अयोध्या में मिल रही 5 एकड़ जमीन पर एक अजीमुश्शान जामा मस्जिद ही नहीं बने बल्कि वहां एक इस्लामी यूनिवर्सिटी भी बने। मौलाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट...
चर्चित इस्लामी विद्वान मौलाना सलमान नदवी ने कहा है कि अयोध्या में मिल रही 5 एकड़ जमीन पर एक अजीमुश्शान जामा मस्जिद ही नहीं बने बल्कि वहां एक इस्लामी यूनिवर्सिटी भी बने। मौलाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिए दी है तो मस्जिद का भी ख्याल रखा है।
यह कतई जरूरी नहीं कि जहां मस्जिद थी उसी जमीन पर मस्जिद फिर से बनाई जाए। सोशल मीडिया पर अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि इस्लाम का इतिहास यह बताता है कि हजरत उमर ने कूफा की एक मस्जिद को स्थानांतरित कर वहां खजूर का बाजार कायम करवाया था। उन्होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाती है कि अगर कहीं मस्जिद बनाई जाती है तो वह स्थानांतरित भी की जा सकती है सिर्फ उन मस्जिदों को छोड़कर जिनके बारे में अल्लाह ने तय फरमाया कि कयामत तक वह मस्जिदें स्थानांतरित नहीं की जा सकतीं जिनमें काबे शरीफा है, मस्जिद-ए-नबवी है, मस्जिद-ए-अक्सां है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाएगी जहां मस्जिद बनायी जाएगी। मुसलमानों को खुश होना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कुबूल करना चाहिए। मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट के जजों और केन्द्र व प्रदेश सरकार का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने प्रदेश और देश में शांति,भाईचारा बनाए रखने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार का आभार जताया।
मौलाना सलमान नदवी आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य थे। मगर अयोध्या की विवादित जमीन हिन्दुओं को मंदिर बनाने के लिए दे दिये जाने की पुरजोर वकालत करने पर उन्हें बोर्ड से निकाल दिया गया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन जुफर फारुकी मौलाना सलमान नदवी के बहुत करीबी माने जाते हैं।