Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़ATS checking mobile of jamaaties to investigate the conspiracy of spreading corona in gorakhpur

कोरोना फैलाने की साजिश की आशंका, संक्रमित जमातियों के मोबाइल खंगाल रही एटीएस

जमातियों के जरिये कहीं कोरोना एक गहरी साजिश के तौर पर जानबूझ कर तो नहीं फैलाया गया है। इसकी भी अब खुफिया जांच चल रही है। इसके लिए कोरोना पाजिटिव पाए गए सभी जमातियों के मोबाइल को जांच के दायरे में रखा...

कोरोना फैलाने की साजिश की आशंका, संक्रमित जमातियों के मोबाइल खंगाल रही एटीएस
Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान टीम , गोरखपुर Mon, 20 April 2020 03:07 PM
share Share

जमातियों के जरिये कहीं कोरोना एक गहरी साजिश के तौर पर जानबूझ कर तो नहीं फैलाया गया है। इसकी भी अब खुफिया जांच चल रही है। इसके लिए कोरोना पाजिटिव पाए गए सभी जमातियों के मोबाइल को जांच के दायरे में रखा गया है। 

गोरखपुर जोन में ऐसे 40 से ज्यादा जमातियों के मोबाइल पिछले दिनों सीज किए गए और उनका डाटा अपने यहां सुरक्षित करने के बाद एटीएस ने मोबाइल को उन जिलों को लौटा दिया। जहां से यह जमाती पाजिटिव पाए गए हैं। मोबाइल के डाटा के जरिये अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इन जमातियों को जानबूझ कर वायरस फैलाने के लिए कहीं से कोई निर्देश, मैसेज आदि तो नहीं मिल रहे थे। उनके मोबाइल में कहीं कोई ऐसा राज तो नहीं छिपा है जो अभी तक सामने नहीं आया है। 

दरअसल, दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज से लौटे जमातियों ने अचानक पूरे देश में कोरोना वायरस फैलाना शुरू कर दिया। वायरस के यह सबसे बड़े कैरियर के रूप में सामने आने लगे। यह उनकी अज्ञानता बस था या फिर इसकी कोई साजिश थी इसको लेकर खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए। इसको लेकर दो चरणों में काम शुरू हुआ। पहले चरण में उनकी तलाश और दूसरे चरण में जांच। तलाश के लिए पहले निजामुद्दीन के टॉवर से फरवरी और मार्च महीने का सारा डाटा उठाया गया। दोनों महीने में जितने भी लोगों के मोबाइल निजामुद्दीन टॉवर से जुड़े मिले उनकी सूची बनाकर सभी प्रदेशों को सौंप दी गई। 

यूपी में एसटीएफ के साथ एटीएस ने भी यह जिम्मा उठाया और स्थानीय पुलिस के जरिये जमातियों की तलाश करने के साथ ही उन्हें क्वारंटीन कराया जाने लगा। बाद में जमातियों के कोरोना जांच हुए तो कई जमाती पाजिटिव पाए गए। कॉल डिटेल के जरिये जमातियों का यात्रा विवरण तैयार कर उनसे जुड़े लोगों को भी पुलिस ने क्वारंटीन कराना शुरू किया। तलाश का काम पूरा होने के बाद साजिश के पहलू पर एजेंसियों ने जांच शुरू की और पाजिटिव पाए गए जमातियों के मोबाइल सीज किए जाने लगे ताकि उनकी विधिवत जांच शुरू हो पाए।   

साजिश की जांच के लिए मोबाइल जांच?
गोरखपुर जोन में ऐसे 40 मोबाइल सीज हुए। डॉक्टरों की टीम ने काफी सावधानी बरतते हुए सैनटराइज करते हुए उन मोबाइल को सीज किया। सीज के दौरान सभी मोबाइल पर वायरस मौजूद थे इसलिए उन्हें सावधानी पूर्वक रखा गया। फिर मोबाइल को इकट्ठा किया गया। एटीएस की टीम ने सभी मोबाइल में मौजूद मैसेज, नम्बर, आदि डाटा को सेफ्टी किट के पहन कर सावधानी पूर्वक इकट्ठा किया है और अपने साथ ले गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक-एक मोबाइल डाटा का अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन के पीछे का मकसद इस बात की आशंका को दूर करना कि कहीं इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें