आमी बचाओ मंच ने गीडा प्रशासन पर लगाया आरोप, कम क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की हो रही साजिश
आमी नदी के प्रदूषण को लेकर आमी बचाओ मंच के बैनर तले चले लंबे जनसंघर्ष एवं क़ानूनी लड़ाई के बाद गीडा द्वारा कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की स्वीकृति लगभग चार वर्ष पूर्व दी गयी, किन्तु गीडा...
आमी नदी के प्रदूषण को लेकर आमी बचाओ मंच के बैनर तले चले लंबे जनसंघर्ष एवं क़ानूनी लड़ाई के बाद गीडा द्वारा कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की स्वीकृति लगभग चार वर्ष पूर्व दी गयी, किन्तु गीडा प्रशासन इसे लगाने की बजाय लगातार फाइलों में उलझाकर सिर्फ कागजी खानापूरी कर रहा है। अब गीडा प्रशासन पूंजीपतियों के इशारे पर उचित मानक का ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की बजाय बहुत छोटे छमता का ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर 10 वर्षो के आमी बचाने के अभियान के साथ धोखा की साजिश कर रहा है।
इस शिकायती पत्र के साथ आमी बचाओ मंच के एक प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को कमिश्नर से मुलाकात की। गीडा द्वारा किये जा रहे साजिश के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की। आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय ने सवाल किया कि जब गीडा द्वारा नामित कार्यदायी एजेन्सी उप्र जलनिगम ने एक बार 35 एमएलडी की क्षमता का सीईटीपी लगाने को 115.25 करोड़ का डीपीआर बनाकर गीडा के सामने प्रस्तुत किया था तो गीडा इससे कम क्षमता वाला प्लांट लगाने की साजिश क्यों कर रहा है।
कहा कि जल निगम ने आमी नदी के प्रदूषण एवं गीडा के उद्योगों से निकलने वाले कचरे तथा भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए डीपीआर बनाया था। इसी की आवश्यकता थी, जिसके वित्त पोषण हेतु भारत एवं उप्र सरकार को समय समय पर गीडा ने पत्र भी लिखा है। किन्तु इसे लगवाने के बजाय गीडा प्रशासन अब ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर आमी के तटवर्ती लोगों को झुनझुना पकड़ाने की साजिश कर रहा है।
आमी बचाओ मंच ऐसी किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके विरुद्ध संघर्ष करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि साजिश बंद नहीं हुई तो शीघ्र ही आमी संवाद यात्रा निकालकर तटवर्ती इलाके के लोगों को साजिशों से अवगत कराकर एक बार पुनः सड़क की लड़ाई तेज की जाएगी।