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हिंदी न्यूज़ उत्तर प्रदेशमुख्तार के ड्राइवर समेत 3 की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार से 4 हफ्ते में मांगा जवाब

मुख्तार के ड्राइवर समेत 3 की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार से 4 हफ्ते में मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा समेत 3 की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मफिया मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा समेत अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगी

मुख्तार के ड्राइवर समेत 3 की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार से 4 हफ्ते में मांगा जवाब
Srishti Kunjलाइव हिन्दुस्तान,प्रयागराजMon, 06 Feb 2023 08:05 PM

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा समेत 3 की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मफिया मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा, गौस मोहिउद्दीन और मोहम्मद शाहिद की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। कोर्ट ने 20 जनवरी 2023 को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज मामले में रोक लगाई है। इसी केस में हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से 4 हफ्ते में जवाब भी मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होनी है। इससे पहले यूपी सरकार को मामले में कोर्ट के सामने अपना जवाब पेश करना होगा।

गौरतलब हो कि उसरी चट्टी कांड में मारे गए मनोज राय के पिता शैलेंद्र कुमार राय ने मुख्तार समेत पांच के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें मुख्तार अंसारी के साथ उनके ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा भी शामिल थे। सभी के खिलाफ मनोज राय को अगवा करके हत्या करने का आरोप लगा है। बता दें कि इस मामले में 22 साल बाद केस दर्ज हुआ। शिकायत मनोज राय के पिता ने दर्ज करवाई। 

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क्या था मामला
दरअसल, गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को माफिया मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला हुआ था। उस समय मुख्तार अंसारी अपने घर मोहम्मदाबाद से मऊ जा रहे थे। उनके काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। फायरिंग के कारण उनके गनर समेत तीन लोगों की मौत हुई थी। मामले में दोनों पक्षों से घायल और मौत की जानकारी दी गई। मुख्तार अंसारी ने माफिया बृजेश सिंह व अन्य पर हमले का आरोप लगाया था। 

जानकारी के अनुसार इस घटना वाले दिन ठेकेदार मनोज राय कि हत्या हुई थी। बताया गया था कि 14 जुलाई 2001 की शाम को सुरेंद्र शर्मा (मुख्तार का ड्राइवर), शाहिद, गौस मोइनुद्दीन और कमाल उनके घर गए और मनोज का अपहरण किया और 15 जुलाई 2001 की शाम घर में मनोज की हत्या की सूचना मिली थी। अब 22 साल बाद इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 147,148, 149 और 302 के तहत मुकदमा किया है।

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