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महिलाओं की राजनीति पर कमेंट करने वाले मौलाना को निदा खान ने दिया मुंहतोड़ जवाब, कहा इस्लाम...

अहमदाबाद की जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शब्बीर अहमद के बयान पर आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। निदा खान ने कहा कि मौलाना महिलाओं को लेकर नसीहत ना दें।

 महिलाओं की राजनीति पर कमेंट करने वाले मौलाना को निदा खान ने दिया मुंहतोड़ जवाब, कहा इस्लाम...
Atul Guptaसंवाददाता,अहमदाबादTue, 06 Dec 2022 08:48 PM

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अहमदाबाद की जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शब्बीर अहमद के मुस्लिम महिलाओं को चुनाव ना लड़ने वाले बयान पर बरेली की एक मुस्लिम लड़की ने मुहंतोड़ जवाब दिया है। आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान ने मौलाना शब्बीर के बयान का विरोध करते हुए कहा कि इस्लाम महिलाओं को इज्जत देने के साथ बराबरी की बात करता है। उन्होंने कहा कि बिना डिग्री वाले मौलाना कुछ भी बोलकर गायब हो जाते हैं। निदा खान ने कहा कि ये मौलाना हमें इस तरह की नसीहत देने वाले कौन होते हैं। भारत में संविधान है और संविधान के अनुसार ही चीजें होती है।

निदा ने कहा कि ऐसे मौलाना खुद की बेटियों को कान्वेंट में पढ़ाते हैं और अवाम को अनपढ़ रहने की हिदायत देते हैं। उन्होंने कहा कि मुल्लाजी अल्लाह से डरें और अपने फायदे के लिए महिलाओं का उत्पीड़न बंद करें। निदा खान का कहना है कि आखिर मौलानाओं को महिलाओं से क्या दिक्कत है जो आए दिन कोई नया फरमान जारी कर देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ मौलाना यहां पर पाकिस्तान की तरह माहौल बनाना चाहते हैं।

निदा ने कहा कि जब महिलाओं को उसका शौहर दहेज के लिए घर से निकाल देता है या मारपीट करता है तो उस समय ये नसीहत देने वाले मौलाना लोग कहां चले जाते हैं? जब महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है तो ये लोग खामोशी क्यों अख्तियार कर लेते हैं?

शरीयत मुस्लिम महिलाओं को गंदी राजनीति से रोकती

दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मौलाना शब्बीर अहमद के बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि शरीयत मुस्लिम महिलाओं को गंदी राजनीति करने से रोकती है। उन्होंने कहा था कि मौजूदा दौर की चुनावी राजनीति से मुस्लिम महिलाओं को बचना चाहिए। शरीयत का यह हुक्म सिर्फ मुस्लिम महिलाओं पर लागू होता है।

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