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शिवपाल से मिलने पहुंचे अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी में जिम्मेदारी के बाद पहली बार चाचा-भतीजे की मुलाकात

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके निजी आवास पहुंचे। शिवपाल को सपा में अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद दोनों की पहली मुलाकात हुई।

शिवपाल से मिलने पहुंचे अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी में जिम्मेदारी के बाद पहली बार चाचा-भतीजे की मुलाकात
Yogesh Yadavलाइव हिन्दुस्तान,लखनऊTue, 07 Feb 2023 10:39 PM

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके निजी आवास पहुंचे। शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव जैसी अहम जिम्मेदारी देने के बाद पहली बार चाचा-भतीजे की मुलाकात हो रही है। अखिलेश यादव का इस तरह से शिवपाल के घर पहुंचना काफी अहम माना जा रहा है।

माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं  के बीच पार्टी संगठन विस्तार को  लेकर चर्चा हुई। साथ ही विधानमंडल सत्र में सपा द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर भी बात हुई। अखिलेश यादव इस बार सदन में जातिगत जनगणना का मुद्दा गर्माने के साथ साथ शूद्र वाला  मुद्दा भी उठाएंगे।

अखिलेश को जल्द प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करना है। इसमें शिवपाल समर्थकों को सम्मानजनक समायोजन भी करना जरूरी है। इससे पहले जनवरी में अखिलेश व  शिवपाल की बीच लंबी बैठक हुई थी। शिवपाल पहले ही कह चुके हैं कि वह संगठन के आदमी हैं और राष्ट्रीय महासचिव के नाते वह पार्टी संगठन को मजबूत बनाएंगे। 

शिवपाल और अखिलेश दोनों ने पिछले कुछ दिनों से यूपी के अलग-अलग जिलों के दौरों पर थे। अखिलेश नौ फरवरी से पूर्वांचल के गाजीपुर से अगले चुनाव का शंखनाद भी करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इन दौरों और आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के लिए ही दोनों की मुलाकात हुई है। 

समाजवादी पार्टी लगातार चुनावों में बीजेपी से मात खा रही है। यहां तक कि आजमगढ़ और रामपुर जैसे सपा के गढ़ भी हाथ से निकल गए हैं। इस बीच चाचा शिवपाल यादव के साथ आने से मैनपुरी का उपचुनाव सपा ने भारी मतों से जीता है। इस जीत के बाद से शिवपाल-अखिलेश के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली और उसका फायदा दिखाई देने लगा है। 

शिवपाल की पुरानी शिकायतों को भी दूरी करने का लगातार प्रयास हो रहा है। उनके लोगों को भी सपा में जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। शिवपाल की करीबी रीबू श्रीवास्तव को तो सपा महिला सभा का प्रदेश अध्यक्ष ही बना दिया गया है। गाजीपुर के नेता ओमप्रकाश सिंह को कभी अखिलेश ने मंत्री पद से बर्खास्त किया था। अब उन्हें सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संशोधित सूची में राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बदलाव के पीछे भी शिवपाल की भूमिका ही मानी जा रही है। 

पिछड़ों और दलितों को लेकर लगातार हमलावर सपा भले ही स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए बयान पर सीधे-सीधे कुछ नहीं बोल रही है लेकिन माना जा रहा है कि उसे यह विवाद रास आ रहा है। शिवपाल ने भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में साफ कर दिया है कि उनका लक्ष्य अगला चुनाव जीतना और भाजपा को हराना है। शिवपाल या अखिलेश भले ही बातें कुछ करें लेकिन उनका सीधा फोकस अगले चुनावों पर ही है। 

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