ओबीसी दलित संग ब्राह्मणों को साधने की कोशिश में अखिलेश, जानें पूरा प्लान
सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब ओबीसी दलित संग ब्राह्मणों को साधने की कोशिश में है। एक ओर ओबीसी आरक्षण बचाओ अभियान को धार देने की तैयारी है। तो वहीं पार्टी ब्राह्मणों में पैठ बढ़ाने की रणनीति बना रही है।
दिल्ली व लखनऊ की सियासत एक साथ साधने में लगे अखिलेश यादव अब सवर्णों व ओबीसी दलित के बीच संतुलन बनाने में लग गए हैं। एक ओर ओबीसी आरक्षण बचाओ अभियान को धार देने की तैयारी है। तो वहीं पार्टी ब्राह्मणों में पैठ बढ़ाने की रणनीति बना रही है। पार्टी इस बात का ध्यान रख रही है कि सवर्ण व ओबीसी सियासत में संतुलन बना कर पार्टी का विस्तार किया जाए। पार्टी की रणनीति है कि इसी के जरिए 2027 में 40 प्रतिशत तक वोट हासिल कर लिया जाए ताकि जीत पूरी तरह सुनिश्चित हो सके। हालिया चुनाव में पार्टी को 33.59 प्रतिशत वोट मिले हैं।
पार्टी ने हाल में पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की मूर्ति तोड़े जाने के मामले में जिस तरह आक्रोश जताया, उससे कहीं न कहीं वह इस समुदाय की सहानुभूति पाने की कोशिश दिखती है। पार्टी ने इससे पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बिठाकर चौंका दिया। तो संतुलन बनाने के लिए ओबीसी के बाबू सिंह कुशवाहा को लोकसभा में सपा का उपनेता बना दिया। अब सपा 5 अगस्त को समाजवाद के पुरोधा व छोटे लोहिया के नाम से चर्चित जनेश्वर मिश्र की जयंती इस बार प्रदेश भर में खासी धूमधाम से मनाएगी। कई बार केंद्रीय मंत्री रहे जनेश्वर मिश्र का 2010 में निधन हो गया था।
जिलों व तहसीलों में होगी पीडीए पंचायत
पार्टी सितंबर माह के आखिरी में एक बड़ा अभियान शुरू करने की तैयारी में है। इसके तहत जिलों में पीडीए पंचायत होगी। बाद में इस तरह का आयोजन तहसील स्तर पर होगा। इसमें पार्टी के सभी पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, विधायक व सांसद, विधानसभा व लोकसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी शिरकत करेंगे। इसमें पार्टी ओबीसी आरक्षण बचाओं का संदेश देगी। पीडीए के अधिकारों पर चर्चा होगी। पार्टी इसके जरिए विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूती देगी। पीडीए पंचायत के जरिए सपा पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बीजेपी सरकार द्वारा उनके अधिकारों पर किए जा रहे हमले और संविधान के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है उसके बारे में शिक्षित किया जाएगा।
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