Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Akhilesh attacks on the nameplate issue on Kanwar route The lamp of communal politics is flickering it will be extinguished soon

सांप्रदायिक राजनीति का दीया फड़फड़ा रहा है, जल्द बुझेगा, कांवड़ मार्ग पर नेमप्लेट मामले पर अखिलेश का हमला

नेमप्लेट लगाने के आदेश को सांप्रदायिक राजनीति करार देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह से दीया बुझने से पहले फड़फड़ाता है उसी तरह से सांप्रदायिक राजनीति करने वाले लोग फड़फड़ा रहे हैं।

सांप्रदायिक राजनीति का दीया फड़फड़ा रहा है, जल्द बुझेगा, कांवड़ मार्ग पर नेमप्लेट मामले पर अखिलेश का हमला
Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 22 July 2024 11:37 AM
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कांवरिया मार्ग पर नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार का नाम लिए बगैर ही बड़ा हमला बोला है। नेमप्लेट लगाने के आदेश को सांप्रदायिक राजनीति करार देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह से दीया बुझने से पहले फड़फड़ाता है उसी तरह से सांप्रदायिक राजनीति करने वाले लोग फड़फड़ा रहे हैं। इसलिए इस तरह का फैसला ले रहे हैं। यह दीया जल्द बुझने वाला है। अखिलेश ने आरएसएस के कार्यक्रमों में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी पांच दशक पुरानी पाबंदी को हटाना भी इसी की कड़ी बताया। नेमप्लेट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए : सौहार्दमेव जयते!

दिल्ली में संसद के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय यह फैसला पता चला था उसी समय कहा था कि सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले का संज्ञान ले और इस तरह की किसी भी कार्रवाई को रोके। अखिलेश ने कहा कि जो सांप्रदायिक राजनीति यूपी से खत्म हुई है, उसी सांप्रदायिक राजनीति का दीया फड़फड़ा रहा है। इसलिए इस तरह का फैसला ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जब संज्ञान लिया और चर्चा करेगा तो यह लोग अभी ऐसे ही कई फैसले लेंगे। क्योंकि यह लोग अभी और फड़फड़ाएंगे। 

अखिलेश ने कहा कि आरएसएस के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर लगी पाबंदी हटाने को भी इसी मामले से जोड़ते हुए कहा कि यह प्रतिबंध हटाने का फैसला भी उसी सांप्रदायिक राजनीति का नतीजा है। इतने सालों से लगा प्रतिबंध हटाना भी बताता है कि सांप्रदायिक राजनीति करने वाले लोग परेशान हैं। अब सांप्रदायिक राजनीति खत्म होने जा रही है। इसका दुख भारतीय जनता पार्टी को है। 

अखिलेश ने कहा कि जब सांप्रदायिक राजनीति खत्म होने लगती है तो आखिरी समय में सांप्रदायिक राजनीति को जिंदा रखने के लिए इस तरह के फैसले लिये जाते हैं। यह तो बहुत संवेदनशील मुद्दा है। जब कोई अधिकारी किसी संवेदनशील पद पर जाएगा और उसका आचरण किसी खास संस्था या राजनीतिक दल के साथ होगा तो क्या होगा। हम लोग यह सब हर दिन देख भी रहे हैं। अधिकारी यूपी में राजनीतिक दलों वाला काम कर रहे हैं। 

नीट मामले पर भी अखिलेश ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। कहा कि जिसको नहीं दिखाई दे रहा न दिखे। लाखों बच्चों के परिवार, मीडिया, सब लोग देख रहे हैं। कैसे संभव है कि एक ही जगह पर इतने बच्चे पास हो जाएं। एक ही सेंटर पर इतने बच्चों को इतने नंबर आ जाए। इससे सरकार पर और परीक्षा कराने वाली संस्था पर प्रश्नचिह्न लगता है। अखिलेश ने कहा कि यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बना रही है। 

एक नई नाम पट्टिका पर लिखा जाए- सौहार्दमेव जयते
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि एक नई नाम पट्टिका पर “सौहार्दमेव जयते” लिखा जाना चाहिये। अखिलेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा यह बात लिखी। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया और उनसे निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने को कहा।शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों के निर्देश को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन 'एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स', सांसद एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। अदालत मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगी।

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