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हापुड़ के अजय ने सुईं से कांच की प्लेट पर लिख दी रामचरित्र मानस

कोरोना काल में प्रधानमंत्री द्वारा लगाए गए लॉक डाउन के दौरान एक अध्यापक ने वक्त का सदुपयोग करते हुए पांच सौ घंटे में कांच की प्लेट पर सुईं की कलम से पूरी श्री रामचरित्र मानस ही लिख दी। 22 जुलाई को...

हापुड़ के अजय ने सुईं से कांच की प्लेट पर लिख दी रामचरित्र मानस
हापुड़। वरिष्ठ संवाददाताFri, 28 Aug 2020 02:32 PM
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कोरोना काल में प्रधानमंत्री द्वारा लगाए गए लॉक डाउन के दौरान एक अध्यापक ने वक्त का सदुपयोग करते हुए पांच सौ घंटे में कांच की प्लेट पर सुईं की कलम से पूरी श्री रामचरित्र मानस ही लिख दी। 22 जुलाई को बेटे ने ऑनलाइन एप्लाई किया तो उक्त कार्य को इंडिया ऑफ बुक में दर्ज कर लिया गया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने के बाद शुक्रवार को इसका विमोचन हुआ।

बेटे ने किया एप्लाई
17 अप्रैल को श्री रामचरित्र मानस का अंतिम दोहा तथा आरती लिख दी गई। जिसके बाद बेटे हर्षल ने ऑन लाइन इंडिया बुक ऑफ रिका़र्ड के लिए एप्लाई कर दिया तो उधर से समस्त कागजात आदि मांगे गए। कॉलेज के विभागाध्यक्ष से भी उसके विषय में कुछ कागजात मांगे गए। अजय मित्तल बताते हैं कि तब जाकर 22 जुलाई को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल होने के सर्टिफिकेट मिला। जिसके लिए शुक्रवार (आज) को विमोचन कार्यक्रम रखा गया है। 

पत्नी-बेटे के सहयोग से रचा दिया इतिहास
जनपद के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि उन्हें कांच की प्लेट पर श्री रामचरित्र मानस को लिखने में करीब 500 घंटे का समय लगा है। एक छोटी सी कांच की प्लेट पर उन्होंने पूरी श्री रामचरित्र मानस लिख दी है। इसके लिए उनकी पत्नी रश्मि मित्तल तथा बेटा हर्षल का अधिक सहयोग रहा है। वो बोलती थी, मैं लिखता था। मेरी आंख कमजोर हो गई थीं। एक बार हिम्मत हार गया था। बंद कर दिया था लिखना, लेकिन प्रधानमंत्री ने जब लॉक डाउन किया तो फिर से पत्नी और बेटे ने सहयोग कर इतिहास बनवा दिया। 
 

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