आगरा के पारस हॉस्पिटल का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल के मालिक ने कहा- मासमूयित से बोल दिया था
पांच मिनट की मॉक ड्रिल करके 22 मरीज ‘छांटने’ वाले पारस हॉस्पिटल पर मंगलवार को जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई। महामारी ऐक्ट में हॉस्पिटल सील करने के साथ ही भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट कर...
पांच मिनट की मॉक ड्रिल करके 22 मरीज ‘छांटने’ वाले पारस हॉस्पिटल पर मंगलवार को जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई। महामारी ऐक्ट में हॉस्पिटल सील करने के साथ ही भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में हॉस्पिटल के संचालक डॉ.अरिंजय जैन को ऑक्सीजन पर भ्रम फैलाने का दोषी पाया गया है। दूसरी तरफ, डॉ. अरिंजय जैन कहा कि हॉस्पिटल में कोई मॉक ड्रिल नहीं हुई और 22 मौतों की बात एकदम गलत है।
डॉ. अरिंजय जैन ने मंगलवार को बताया कि मैंने वायरल हो रहे इस वीडियो को देखा। वीडियो में बताया गया विषय अप्रैल का है, जब दूसरी लहर चरम पर थी। गलती से या मासूमियत से मैंने वीडियो में 'मॉक ड्रिल' शब्द का जिक्र किया था, लेकिन अस्पताल में ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल का मतलब था कि किस मरीज को कितनी न्यूनतम आक्सीजन की जरूरत थी। उसकी गणना कर असेस्मेंट किया गया था। जिससे किसी भी मरीज की आक्सीजन की किल्लत से मौत न हो। 22 मौतों की खबर पूरी तरह बेसलेस है।
अस्पताल के मालिक ने कहा कि मैं किसी भी जांच में सहयोग करने को तैयार हूं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आज अस्पताल का दौरा किया और मैंने उन्हें वह सारी जानकारी दी जिसकी उन्हें जरूरत थी। लेकिन दुर्भाग्य से, मेरा अस्पताल सील कर दिया गया है। वहीं, अस्पताल की जांच के बाद डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि संचालक डॉ.अरिंजय जैन ने भ्रम फैलाया, जिसके कारण अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हुई। मरीजों-तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड़ी। इस कृत्य को महामारी ऐक्ट का उल्लंघन पाया गया, लिहाजा पारस हॉस्पिटल को सील करने के साथ केस दर्ज करने का निर्णय लिया गया।
I video featuring me is going viral. The subject mentioned in the video is of April when second wave was on peak. By mistake or innocence, I mentioned the word 'mock drill' in the video but there was no mock drill as such: Dr Arinjay Jain, owner of Agra's Paras Hospital (1/4) pic.twitter.com/E4eEE53OU5
— ANI UP (@ANINewsUP) June 8, 2021
डीएम प्रभु एन सिंह के मुताबिक, जांच के दौरान अस्पताल में 55 मरीज भर्ती मिले। उन्हें सीएमओ के माध्यम से अन्य अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने ऑक्सीजन की कमी से 22 मौतों को सिरे से खारिज करते हुए दोहराया कि दो दिन में कुल सात मौतें हुई हैं। ऑक्सीजन की कमी से मौत को लेकर किसी के पास कोई साक्ष्य हो तो वह जांच समिति को दे सकता है। 26 व 27 को हुई सभी मौतों का ऑडिट किया जाएगा। इधर डॉ. जैन ने हॉस्पिटल सील करने को गलत ठहराया है।
प्रियंका-राहुल ने साधा निशाना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘भाजपा शासन में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की भारी कमी है। इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया- पीएम कह रहे हैं मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। सीएम कह रहे हैं ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। अस्पताल ने 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की। इन सबके लिए जिम्मेदार कौन है? यह मामला आगरा हैशटैग के साथ ट्वीटर पर दिनभर टॉप पर ट्रेंड करता रहा।