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मरीजों से मॉक ड्रिल करने वाले आगरा के पारस अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड

आगरा के पारस हॉस्पिटल का एक वायरल वीडियो में ऑक्सीजन संकट में मॉक ड्रिल से पांच मिनट में 22 मरीजों की छंटनी की बात सामने आने के बाद शहर में हड़कंप मच गया। वीडियो वायरल होते ही मामला शासन-प्रशासन तक...

मरीजों से मॉक ड्रिल करने वाले आगरा के पारस अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड
लाइव हिन्दुस्तान,आगराWed, 09 Jun 2021 03:14 PM
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आगरा के पारस हॉस्पिटल का एक वायरल वीडियो में ऑक्सीजन संकट में मॉक ड्रिल से पांच मिनट में 22 मरीजों की छंटनी की बात सामने आने के बाद शहर में हड़कंप मच गया। वीडियो वायरल होते ही मामला शासन-प्रशासन तक पहुंच गया। प्रशासन ने पारस अस्पताल पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील करने के बाद बुधवार को उसका लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल के संचालक पर महामारी एक्ट के तहत केस भी दज्र किया गया है। एसीएमओ ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार को पारस अस्पताल पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। हालांकि इससे पहले मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। अस्पताल की सभी सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। अस्पताल को सील करने के बाद उसका लाइसेंस सस्पेंड कर अस्पताल संचालक को नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच करने के लिए एक समिति गठित की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

22 मरीजों की छंटनी की वीडियो वायरल होने से मचा हड़कंप
पारस हॉस्पिटल के एक वायरल वीडियो में ऑक्सीजन संकट में मॉक ड्रिल से पांच मिनट में 22 मरीजों की छंटनी की बात सामने आने के बाद से हड़कंप मचा है। वीडियो को लेकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला। कांग्रेसियों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने के साथ ही थाने में तहरीर भी दी गई है। सुबह से ही पारस हॉस्पिटल के बाहर लोगों का हंगामा होता रहा। इसे देखते हुए भारी पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई। भगवान टॉकीज स्थित श्री पारस हास्पिटल पर आक्सीजन की कमी का भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए अस्पताल संचालक के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं 26 और 27 अप्रैल को अस्पताल में हुईं मौतों का स्वस्थ्य विभाग की टीम द्वारा आडिट किया जाएगा। 
वहीं आगरा के डीएम ने बताया कि अस्पताल में 26 और 27 अप्रैल को हुए घटनाक्रम में आगरा के डीएम ने कहा है कि अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया है। मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है, नए दाखिले बंद हैं। अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंडकरने के संबंध में नोटिस दिया गया है। उनके जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।  

प्रथम दृष्टया जांच समिति ने ये पाया
जांच समिति के अध्यक्ष एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि 26 अप्रैल को पहली मौत शाम को 4 बजकर 32 मिनट पर होने का प्रमाण मिला। उसके बाद रात नौ बजे तक तीन मौतें और हो गईं। 26 अप्रैल को चार और 27 अप्रैल को तीन मौतें हुईं। इन दो दिनों में अस्पताल में आक्सीजन की उपलब्धता पाई गई। अस्पताल के संचालक द्वारा आक्सीजन की कमी का भ्रम फैलाया गया। जांच तीन घंटे चली।  

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