आईएएस के करोड़पति पिता वृद्धाश्रम पहुंचे, बोले- घर में नहीं है जगह, बुढ़ापे में पत्नी घंटों मोबाइल में रहती बिजी
आईएएस बेटे के बैंक से रिटायर्ड पिता आगरा के रामलाल वृद्धाश्रम पहुंचे। बल्केश्वर निवासी 78 वर्षीय बुजुर्ग के आंसू नहीं रुक रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां रहने आया हूं। घर में मेरे लिए जगह नहीं है।
हर इंसान चाहता है कि उसकी संतान वृद्धावस्था में उसका सहारा बने। बुढ़ापे के कारण जब शरीर कमजोर और नजर मद्धम हो जाए तो संतान उस समय उसकी बैसाखी बने। यही कारण है कि हर माता-पिता अपने बच्चों को बड़े प्यार से पालते हैं। इसके बावजूद कई बार बच्चे माता-पिता को वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर कर देते हैं। शनिवार को आईएएस बेटे के बैंक से रिटायर्ड पिता आगरा के रामलाल वृद्धाश्रम पहुंचे। बल्केश्वर निवासी 78 वर्षीय बुजुर्ग के आंसू नहीं रुक रहे थे।
दोपहर को लगभग 12 बजे अच्छे कपड़ों में बैग लेकर बुजुर्ग ने रामलाल वृद्धाश्रम में दस्तक दी। जब उन्हें पूछा गया कि आपको किससे मिलना है। तो बताया कि यहां रहने आया हूं। घर में मेरे लिए जगह नहीं है। ये कहते-कहते बुजुर्ग रोने लगे। उन्होंने बताया कि मेरे ही घर में मुझे अपमानित किया जाता है। मेरा एक बेटा आईएएस है। एक व्यापारी है। एक पुत्री है। सब संपन्न हैं। मेरी करोड़ों की कोठी है। कमी है तो बस मेरे घर में मुझे सम्मान की। छोटा बेटा लाखों रुपये लेकर अलग हो गया। कमलानगर में ही रहता है, लेकिन वो मुझसे बात तक नहीं करता है।
उन्होंने ये भी कहा कि बड़ा बेटा आईएएस है। वो कभी देखने तक नहीं आता है। हां जब बात करता है या घर आता है तो इस कदर अपमानित करता है कि मैं बयां नहीं कर सकता हूं। वहीं मेरी पत्नी इस उम्र में घंटों मोबाइल में तो बिताती है, लेकिन मेरी नहीं सुनती है। मुझे गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार करती है। मैं इस कदर टूट गया हूं कि मुझे करोड़ों की कोठी में रहना दुश्वार हो गया है।
बुजुर्ग ने बताया कि पत्नी दो साल से सार्वजनिक रूप से अपमानित करती है। नौकरों जैसा व्यवहार उसकी आदत बन गयी है। मुझे खाना तक नहीं दिया जाता है। मैं सेंट्रल बैंक में मैनेजर पद से वीआरएस लिया था। ये हालत होगी मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। संचालक शिव प्रसाद शर्मा ने बताया कि उनसे आवेदन पत्र भरवा लिया है। इसमें उन्होंने अपने बेटों और पत्नी से अभद्र व्यवहार और अपमान करने का आरोप लगाया है।