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डॉ योगिता के हत्यारोपी विवेक के पिता थे डिप्टी एसपी, बड़ा भाई है आईईएस

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी छात्रा डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या तीन गोलियां मारकर की गई थी। पुलिस का दावा है कि उरई, जालौन के मेडिकल ऑफीसर डॉक्टर विवेक तिवारी ने ही वारदात को अंजाम दिया था।...

डॉ योगिता के हत्यारोपी विवेक के पिता थे डिप्टी एसपी, बड़ा भाई है आईईएस
हिन्दुस्तान टीम,आगरा Fri, 21 Aug 2020 11:59 AM
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आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी छात्रा डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या तीन गोलियां मारकर की गई थी। पुलिस का दावा है कि उरई, जालौन के मेडिकल ऑफीसर डॉक्टर विवेक तिवारी ने ही वारदात को अंजाम दिया था। उसने पुलिस को बताया कि गाड़ी में बैठते ही योगिता से झगड़ा हो गया था। उसने सिर, छाती और कंधे पर  गोलियां मारीं। उसके बाद मौत सुनिश्चित करने के लिए चाकू भी मारा। खून से सना चाकू डॉक्टर की कार से मिला है। हत्यारोपी डॉक्टर ने रिवाल्वर लखनऊ एक्सप्रेस वे पर फेंक दी थी, जो अभी नहीं मिली है। डॉक्टर विवेक तिवारी को जेल भेज दिया गया। उसे रिमांड पर लिया जाएगा। 

आगरा में इंस्पेक्टर रहे हैं विवेक के पिता
डॉक्टर विवेक तिवारी के पिता वीके तिवारी आगरा के सदर, ताजगंज और लोहामंडी थाने में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात रहे हैं। वर्ष 2010 में उनकी तैनाती आगरा में हुई थी। वर्ष 2012 तक वो यहां रहे थे। वह यहीं से डिप्टी एसपी पर पदोन्नति पाकर बाहर गए थे। सेवानिवृत्ति के कुछ समय बाद उनका देहांत हो गया। आगरा में तैनाती के दौरान वीके तिवारी ने अपनी अलग छाप छोड़ी थी। उनकी छवि मददगार पुलिस इंस्पेक्टर की थी। विवादित मामलों में भीड़ को समझाने के लिए उन्हें भेजा जाता था। वह अपनी मधुर वाणी से लोगों को समझाने में हमेशा सफल रहते थे।

दो भाई हैं विवेक, बड़ा है आईईएस
विवेक तिवारी का बड़ा भाई विकास तिवारी आईईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज) अधिकारी है। मध्य प्रदेश में अधिशासी अभियंता है। मां का नाम आशा तिवारी है। बहन नेहा तिवारी अविवाहित है। घरवालों को सपने में भी उम्मीद नहीं थी कि यह दिन देखना पड़ेगा। पहले पुलिस घर आती थी तो वे चाय नाश्ते का इंतजाम किया करते थे। पिता के जीते जी कभी ऐसा नहीं हुआ कि पुलिस ने किसी को पकड़ने के लिए घर में दबिश दी हो। उनके देहांत के बाद बेटे विवेक ने ऐसा दिन दिखा दिया। अब घरवाले किसी से नजरें नहीं मिला पा रहे हैं।

बारिश नहीं होती तो शव को जला देता 
विवेक तिवारी शातिर है। उसकी मंशा डॉक्टर योगिता का शव जलाने की भी थी। लेकिन बारिश के कारण यह संभव नहीं हो सका। उसने जहां शव फेंका वहां सूखी लड़की के बड़े टुकड़े पड़े थे। उसने कुछ टुकड़े उठाकर शव के ऊपर रख दिए थे। बारिश के कारण लकड़ी गीली हो गई थी। उसने माचिस से आग लगाने की भी कोशिश की, लेकिन लकड़ियां नहीं जलीं। कोई देख न ले इस कारण वह ज्यादा देर वहां नहीं रुका। भाग गया। भागते समय उसने लखनऊ एक्सप्रेस वे पर टोल प्लाजा से पहले रिवाल्वर सड़क किनारे फेंक दी। रात को उरई में रुका। सुबह कानपुर जाते समय खून से सने कपड़े ठिकाने लगा दिए।

विवेक को रिमांड पर लेगी पुलिस
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि डॉक्टर विवेक तिवारी को पुलिस रिमांड पर लेगी। उससे हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वार और खून से सने कपड़े बरामद करने हैं। पूछताछ में वह उस जगह को ठीक से नहीं बता पा रहा था जहां रिवाल्वर फेंकी थी। पुलिस ने लखनऊ एक्सप्रेस वे टोल प्लाजा के पास रिवाल्वर की तलाश की मगर नहीं मिली। रिमांड पर लेने के बाद पुलिस डॉक्टर विवेक को अपने साथ ले जाएगी। वहीं डॉक्टर योगिता का मोबाइल भी नहीं मिला है। विवेक का कहना है कि उसे नहीं पता। उसने मोबाइल नहीं लिया था। पुलिस मान रही है कि शव के पास जो भी पहले पहुंचा होगा संभवत: उसने मोबाइल उठा लिया। उसे बरामद करने के लिए सर्विलांस टीम को लगाया गया है।

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