आगरा बवाल: गलवान घाटी पर जिन डंडों का चीनी सैनिकों ने किया था इस्तेमाल, वह सत्संगियों के पास से मिले
यूपी के आगरा में रविवार को पुलिस टीम पर हमला अचानक नहीं किया गया। पुलिस टीम पर हमला एक सत्संगियों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पुलिस टीम ने कई दिन पहले ही हमले के की तैयारी कर ली थी।

यूपी के आगरा में रविवार को पुलिस टीम पर हमला अचानक नहीं किया गया। पुलिस टीम पर हमला एक सत्संगियों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पुलिस टीम ने कई दिन पहले ही हमले के की तैयारी कर ली थी। सत्संगियों के पास से मिले डंडे इसका सुबूत हैं। सत्संगियों ने पुलिस टीम पर हमला करने के लिए जिन डंडों का इस्तेमाल किया है उसी तरह के डंडे गलवान घाटी पर चीनी सैनिकों ने भी इस्तेमाल किया था। कांटेदार ये डंडे जिस किसी के भी पड़ जाए वह अधमरा ही हो जाएगा। यही कारण है कि इन डंडों को पुलिस टीम पर हमला करने के लिए लाया गया। हमले में एसओ समेत कई पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।
आगरा के दयालबाग में रविवार को जो घटना घटी है उसके बारे में पुलिस फोर्स को कई भी अंदाजा नहीं था। घटना को देखते हुए प्रशासन पुलिस फोर्स को तैनात तो कर दिया, लेकिन सत्संगियों के दिमाग को नहीं भांप सकी। सत्संगियों ने पुलिस टीम को पहले तो चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालांकि पुलिस कर्मियों ने सत्संगियों को समझाने की कोशिश लेकिन वह नहीं माने। बच्चे से लेकर बड़े तक ने पत्थरबाजी की। सेना की ड्रेस पहने हुए महिला सत्संगी ने भी पुलिस टीम को नहीं छोड़ा और लाठियों से प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने पत्थरबाजों से निपटने के लिए हल्का बल प्रयोग किया लेकिन सत्संगियों की भीड़ के आगे पुलिस फोर्स नाकाफी रही। पुलिस और सत्संगियों की नोकझोंक हो ही रही थी कि सत्संगियों ने पुलिस टीम पर डंडे से हमला बोल दिया। सत्संगियों ने पुलिस टीम पर हमला करने के लिए जिन डंडों का इस्तेमाल किया वह बेहद ही खतरनाक थे। इसी तरह के डंडे का इस्तेमाल चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में हमले के दौरान किया था। फिलहाल घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या है मामला
आगरा के दयालबाग क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की टीम ने शनिवार को छह अवैध गेट ध्वस्त किए थे। उन रास्तों को खुलवाया था जो सत्संगियों ने दीवार लगाकर बंद कर दिए थे। टैनरी मार्ग पर लगा गेट नंबर आठ शनिवार को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में सत्संगियों ने जबरन फिर खड़ा कर दिया था। पुलिस ने उसे ध्वस्त कराके लौटी तो रात ही रात में सत्संगियों ने उस जगह नया गेट लगाकर प्रशासन को चुनौती दे दी। खुलवाए गए रास्तों को तार लगाकर बंद कर दिया। इसका पता चलने पर जिलाधिकारी भानु चंद गोस्वामी के निर्देश पर पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम निरीक्षण के लिए गई। शाम करीब साढ़े चार बजे फोर्स गेट नंबर आठ पर पहुंचा। सत्संगी पहले से तैयार बैठे थे। गेट पर महिलाओं ने मोर्चा संभाल रखा था। गोद में और साथ में बच्चे थे। उनके पीछे सत्संगियों की महिला आर्मी लट्ठबाजी का प्रदर्शन कर रही थी। भीड़ ने सबसे पहले मीडियाकर्मी राजकुमार उप्पल को घेरकर बेरहमी से पीटा। उसका सिर फोड़ दिया। जैसे ही पुलिस आगे बढ़ी महिला आर्मी ने लाठी-डंडों से पुलिस पर ही हमला कर दिया। पुलिस अफसरों ने बमुश्किल जान बचाई। यह देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। कई लोगों को खींचकर गेट से बाहर निकाला। गेट के सामने बुलडोजर खड़ा था, लेकिन चाहकर भी उसे चलाया नहीं जा सका।
