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यूपी में एक सरकारी स्कूल ऐसा जहां प्रिंसिपल, टीचर और बच्चे कोई नहीं फिर भी रोज खुलता है विद्यालय

यूपी के मिर्जापुर में एक ऐसा भी विद्यालय है जिसमें न तो छात्र, न शिक्षक और न प्रधानाध्यापक, बावजूद तीन सालों से स्कूल संचालित हो रहा है। तीन वर्ष पूर्व 2017 में स्कूल में 12 विद्यार्थी और एक...

यूपी में एक सरकारी स्कूल ऐसा जहां प्रिंसिपल, टीचर और बच्चे कोई नहीं फिर भी रोज खुलता है विद्यालय
वीरेंद्र दुबे ,मिर्जापुरMon, 12 Oct 2020 08:14 PM
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यूपी के मिर्जापुर में एक ऐसा भी विद्यालय है जिसमें न तो छात्र, न शिक्षक और न प्रधानाध्यापक, बावजूद तीन सालों से स्कूल संचालित हो रहा है। तीन वर्ष पूर्व 2017 में स्कूल में 12 विद्यार्थी और एक शिक्षिका थीं। लेकिन उनके रिटायरमेंट बाद बच्चों ने भी आना बंद कर दिया। बावजूद प्रतिदिन स्कूल में तैनात दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आते हैं, साफ-सफाई करते हैं और पूरे दिन ड्यूटी देकर शाम को घर लौट जाते हैं। 50 सालों पूर्व इस स्कूल की स्थापना हुई थी। 

1963 में राजकीय जूनियर हाई स्कूल कोलना की स्थापना हुई थी। लगभग पांच बीघे भूमि में फैले इस स्कूल से ककहरा सीखने वाली छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर चिकित्सक, शिक्षक एवं अन्य पदों पर पहुंच गयीं। वर्ष-2017 में विद्यालय की शिक्षिका रामश्वारी देवी के प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद किसी शिक्षक की तैनाती नहीं हुई। हालांकि इसके बाद भी प्रतिदिन स्कूल खुलता है और साफ सफाई भी होती है। इसकी जिम्मेदारी स्कूल में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामचंद्र दीक्षित और शकीला के पास है। तीन सालों से दोनों नियमित स्कूल आते हैं। भवन और परिसर की साफ-सफाई करने के बाद दोनों दिन भर ड्यूटी करने के बाद शाम को घर वापस लौट जाते है। देखरेख के अभाव में 50 साल पुराना भवन भी अब जर्जर होने लगा है। 

2017 में थे 12 बच्चे और एक शिक्षिका
जूनियर हाई स्कूल कोलना की सेवानिवृत शिक्षिका रामश्वारी देवी 2017 में सेवानिवृत्त होने से पहले शासन को पत्र लिखकर विद्यालय में शिक्षक की नियुक्ति की मांग की थी, लेकिन उनके पत्र को शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। 2017 में इस विद्यालय में 12 बच्चे पढ़ते थे। लेकिन शिक्षिका रामश्वारी देवी के सेवानिवृत  हो जाने के बाद से बच्चों ने भी विद्यालय आना बंद कर दिए। वहीं इसके बाद किसी बच्चे का नामांकन भी नहीं हुआ। 

2017 के बाद नहीं मिला कोई शिक्षक
2017 के बाद जूनियर हाई स्कूल कोलना में किसी शिक्षक की तैनाती नहीं हुई। शिक्षकों की की तैनाती के लिए ग्रामीणों ने शासन से लंबी लड़ाई लड़ी पर कोई खास लाभ नहीं हुआ। ग्रामीण सत्येंद्र कुमार सिंह ने जिले के अफसरों के साथ ही शासन को पत्र लिखकर विद्यालय में शिक्षकों के नियुक्ति की मांग, लेकिन अधिकारियों ने सत्येंद्र के पत्र पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि विद्यालय में सिटीग्रेड स्तर के शिक्षक की नियुक्ति होती है। इस संबंध में न तो शिक्षा विभाग के अधिकारी ही कुछ बोल रहे है और न ही जिले के जनप्रतिनिधि ही ध्यान दे रहे है।

 - गौतम कुमार, बीएसए का कहना है कि इस विद्यालय पर शिक्षक की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। यहां सीटी ग्रेड के अध्यापक की तैनाती होती है। यह शासन ही कर सकेगा।  वहीं रामचंद्र दीक्षित, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कहते हैं कि जब तक हमारी नौकरी है तब तक हम ड्यूटी कर रहे है। शिक्षक की तैनाती और बच्चों का नामांकन कराने की जिम्मेदारी शासन की है। हमारा कार्य विद्यालय की देखभाल करना है। वह हम मुस्तैदी के साथ कर रहे है।               

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