योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस से मौतों में 65 फीसदी की कमी
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया है कि योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है। यह भी दावा है कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। 38...
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया है कि योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है। यह भी दावा है कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। 38 जिलों में इंसेफ्लाइटिस का खतरा कम हुआ है। चार दशक से पूर्वांचल के मासूमों के लिए काल बनी इंसेफेलाइटिस के मामलों में 35 फीसदी की कमी आई है। इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों के आंकड़ों में 65 प्रतिशत की कमी आई।
प्रवक्ता के अनुसार पूर्वांचल में 40 लाख बच्चों का टीकाकरण हुआ। विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा से इंसेफ्लाइटिस पर काबू पा गया। घर घर जाकर दस्तक अभियान की शुरुआत हुई। एईएस से होने वाली मृत्यु दर सिर्फ़ 3.73 फीसदी रह गई। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बेड की संख्या बढ़ी। इंसेफ्लाइटिस के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में वॉर्मर उपलब्ध कराए गए।
साल 2016 में एईएस के 3911 मरीज भर्ती किए गए, जिनमें से 641 की मौत हुई। साल 2017 में मरीजों की तादाद 4724 हुई, जिनमें 655 की मौत हुई। साल 2018 से इन आंकड़ो में आई गिरावट आनी शुरू हुई। पिछले साल 3077 मरीज भर्ती हुए और मौत का आंकड़ा 248 रहा। साल 2016 में जेई की वजह से 74 लोगों की मौत हुई, वहीं 2018 में जेई की वजह से 30 लोगों की मौत हुई।